जुन्नारदेव। नगर की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान मानी जाने वाली जुन्नारदेव विशाला की पवित्र जल कुंडें आज बदहाल स्थिति में हैं। साफ-सफाई के अभाव में ये पवित्र स्थल गंदगी और बदबू की चपेट में आकर श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं। ग्राम पंचायत और जनभागीदारी समिति की घोर लापरवाही के चलते इन जल कुंडों में सड़ा हुआ कचरा जमा हो गया है और चारों ओर कूड़ा-करकट फैला हुआ है, जिससे वातावरण दूषित हो गया है।
श्रद्धालुओं की आस्था पर गंदगी का प्रहार
विशाला के पवित्र जल कुंडों में स्नान और पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। लेकिन वर्तमान में बदबू और गंदगी ने श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं पर गहरा आघात किया है। श्रद्धालुओं का कहना है कि पूजा-अर्चना के दौरान बदबू और गंदगी सहन करना कठिन हो गया है, जिससे उनकी आस्था पर कुठाराघात हो रहा है।
जनभागीदारी समिति और पंचायत की अनदेखी
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने ग्राम पंचायत और जनभागीदारी समिति को बार-बार जल कुंडों की सफाई और देखरेख के लिए अवगत कराया, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। प्रशासन की निष्क्रियता और समिति की उदासीनता ने पवित्र स्थल को कूड़े का अड्डा बना दिया है।
शासन-प्रशासन से तत्काल सफाई की मांग
स्थानीय ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने शासन-प्रशासन से जल कुंडों की तत्काल सफाई और नियमित देखरेख की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द सफाई अभियान नहीं चलाया गया तो यह पवित्र स्थल और अधिक बदहाल हो जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं का विश्वास पूरी तरह टूट जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन और जिम्मेदार कब तक इस पवित्र स्थल की दुर्दशा पर आंखें मूंदे बैठे रहेंगे? श्रद्धालुओं ने जल्द से जल्द सफाई अभियान चलाकर जल कुंडों को पुनः स्वच्छ और पवित्र बनाने की गुहार लगाई है।

