*मुख्यमंत्री निवास में राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन सम्पन्न, गौशालाओं को 90 करोड़ की अनुदान राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण*
*मध्यप्रदेश बनेगा देश की डेयरी राजधानी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव*
. *गौशालाओं को 90 करोड़ रुपये का अनुदान सिंगल क्लिक से जारी*
*पशुपालन विभाग का नया नाम – पशुपालन, डेयरी और गौपालन विभाग*
*प्रदेश में बनेंगी हाईटेक स्वावलंबी गौशालाएं, 30 स्थानों का चयन*
*गौसेवा में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को राज्य स्तरीय सम्मान*
*👁️मनेश साहु संपादक👁️ एवं मीडिया संगठन जिला अध्यक्ष छिन्दवाड़ा 9407073701*
/छिंदवाड़ा | 20 जून 2025
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार ने गौसेवा और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। राजधानी भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने एक क्लिक से प्रदेश की गौशालाओं को ₹90 करोड़ की अनुदान राशि अंतरित कर एक नई मिसाल पेश की।
इस अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के अंतर्गत तीन लाभार्थियों को प्रतीकस्वरूप ऋण स्वीकृति पत्र भी वितरित किए गए। सम्मेलन में प्रदेश भर से पधारे गौपालकों व गौशाला संचालकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
*"पशुपालन, डेयरी और गौपालन" विभाग — नया नाम, नई दिशा*
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग का नाम अब "पशुपालन, डेयरी एवं गौपालन विभाग" कर दिया है। यह बदलाव सिर्फ नाम का नहीं, बल्कि दृष्टिकोण का प्रतीक है — जहां गौमाता को राज्य विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जाएगा।
*दुग्ध उत्पादन को मिलेगा पाँच गुना विस्तार*
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मध्यप्रदेश को देश की डेयरी राजधानी बनाना हमारा लक्ष्य है।” इसके लिए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) से अनुबंध किया है। वर्तमान में प्रतिदिन 5.5 करोड़ लीटर दूध उत्पादन हो रहा है, जिसे अगले कुछ वर्षों में 5 गुना तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
*गौशालाओं को अब दोगुना सहयोग*
राज्य सरकार ने गौशालाओं को मिलने वाली प्रति गाय प्रतिदिन की अनुदान राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये कर दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश की गौशालाओं में हाइटेक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
*स्वावलंबी गौशालाएं* — देश में पहला राज्य बना मध्यप्रदेश
राज्य के पशुपालन मंत्री श्री लखन पटेल ने घोषणा की कि मध्यप्रदेश अब देश का पहला राज्य बनेगा, जहां 5000 से 25000 गोवंश की क्षमता वाली स्वावलंबी गौशालाएं स्थापित की जाएंगी। इन गौशालाओं में जैविक खाद, सीएनजी गैस एवं सौर ऊर्जा उत्पादन की आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी। सरकार ने ऐसे 30 स्थलों का चयन कर लिया है।
*गौमाता को मिलेगा सम्मान और संरक्षण*
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर बैठने वाली घायल गायों को अब गौशालाओं में शरण दी जाएगी। उन्होंने कहा, “गौमाता इसलिए सड़कों पर बैठती है क्योंकि हमने उसे अपने जीवन से अलग कर दिया है। सरकार अब इस पीड़ा का अंत करेगी।”
*सम्मानित हुईं गौशालाएं और गौसेवक*
सम्मेलन में वर्ष 2023-24 के लिए "आचार्य श्री विद्यासागर जीवदया गौसेवा सम्मान पुरस्कार" प्रदान किए गए। भोपाल, छिंदवाड़ा, दमोह, रायसेन, अनूपपुर, हरदा और विदिशा की 7 उत्कृष्ट गौशालाएं और समर्पित गौसेवक सम्मानित हुए। साथ ही 73 गौशालाओं को पंजीयन प्रमाण-पत्र भी वितरित किए गए।
*गौमाता का दूध* — बच्चों को देगा कुपोषण से मुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ब्लॉक में वृंदावन ग्राम स्थापित किए जाएंगे, जहां बच्चों को गाय का पौष्टिक दूध मिलेगा, जिससे कुपोषण दूर होगा और सनातन संस्कृति को संरक्षण मिलेगा।
*“जिनके घर गाय, वे हैं गोपाल”डॉ. मोहन यादव*
*मुख्यमंत्री ने कहा,* “जिस घर में गौमाता है, वहीं स्वर्ग बसता है। पहली रोटी गौमाता की होनी चाहिए — यही हमारी परंपरा और पहचान है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गौसेवा के माध्यम से आर्थिक समृद्धि और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
*सम्मेलन में अनेक जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति*
सम्मेलन में विधायक भगवानदास सबनानी, भोपाल महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, वरिष्ठ सांसद वी.डी. शर्मा, मंत्री विश्वास सारंग सहित सैकड़ों गौपालक और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

