छिंदवाड़ा। ग्राम नीलकंठखुर्द में किरार समाज द्वारा एक सराहनीय पहल करते हुए तेरहवीं (मृत्यु भोज) को सीमित कर श्रद्धांजलि दी गई। श्रीमती सियावती बाई (धर्मपत्नी स्व. सुखदायल वानखेड़े) का 7 जुलाई 2025 को निधन हो गया था। वानखेड़े परिवार ने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में साहसिक कदम उठाते हुए तेरहवीं पर मृत्यु भोज को सीमित किया और आमंत्रण कार्ड न छपवाकर केवल फोन के माध्यम से परिवारजनों व करीबी रिश्तेदारों को आमंत्रित कर श्रद्धांजलि दी।
किरार क्षत्रिय महासभा, छिंदवाड़ा ने वानखेड़े परिवार की इस अनुकरणीय पहल की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के प्रयास समाज में कुरीतियों के उन्मूलन के लिए प्रेरणास्रोत हैं। महासभा ने समाज के अन्य सदस्यों से भी ऐसी ही पहल कर अनावश्यक खर्चों को सीमित करने का आग्रह किया, ताकि समाज आर्थिक रूप से मजबूत बन सके।
वानखेड़े परिवार के साहसी निर्णय के लिए महासभा की ओर से पुत्र राजू वानखेड़े (टेलर) व परिवार के सभी सदस्यों का विशेष आभार व्यक्त किया गया। महासभा ने कहा कि समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व व्यवसाय के क्षेत्र में प्रगति तभी संभव है जब ऐसी कुप्रथाओं को सीमित कर संसाधनों का सही उपयोग हो।
“समाज आगे बढ़ेगा तो हम आगे बढ़ेंगे, और हमारी आने वाली पीढ़ी भी प्रगति करेगी।”
अखिल भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा, छिंदवाड़ा ने माता जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी समाजसेवी प्रयासों में निरंतर सहयोग का आह्वान किया।

