परासिया। उरधन ओपनकास्ट खदान से निकलने वाले ट्रक अब हादसों का पर्याय बन गए हैं। बुधवार सुबह खदान के पास एक कोयला ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। इससे पहले मंगलवार को भी महज 100 मीटर दूर एक और ट्रक पलट चुका था। लगातार हो रही दुर्घटनाओं ने इलाके के लोगों में दहशत और आक्रोश भर दिया है। सवाल यह है कि इन हादसों के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है?
खराब सड़क और तेज रफ्तार
ग्रामीणों ने बताया कि जिस रास्ते से ट्रक गुजरते हैं, वह कीचड़ और गड्ढों से भरा है। इस पर भारी वाहन फिसलकर पलट जाते हैं। दूसरी ओर, चालक ट्रक तेज गति से दौड़ाते हैं, क्योंकि उनमें लदा कोयला अक्सर जलता हुआ रहता है और उससे धुआं व चिंगारियां उठती रहती हैं। चालक जल्दी गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश में अपनी और लोगों की जान जोखिम में डालते हैं।
जलते कोयले का खतरा
ट्रकों से निकलता धुआं और आग कभी भी आसपास के घरों और खेतों को चपेट में ले सकता है। रात में यह खतरा और भी भयावह हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि वे हर पल डर के साये में जी रहे हैं।
जवाबदेही से बचता प्रबंधन
ग्रामीणों का आरोप है कि खदान प्रबंधन केवल उत्पादन और परिवहन पर ध्यान दे रहा है, लेकिन सड़क सुधार, सुरक्षा इंतज़ाम और कोयले के सुरक्षित परिवहन पर ध्यान नहीं देता। वहीं प्रशासन भी कार्रवाई से बचता दिखाई दे रहा है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने सड़क की तत्काल मरम्मत, ट्रकों की रफ्तार पर सख्त नियंत्रण और कोयले को सुरक्षित ढंग से ढककर ढोने की व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।