पेट में मरे हुए बच्चे को निकालकर उप संचालक
छिन्दवाड़ा/22 अगस्त 2025/ जिले के ग्राम धौलपुर के श्री सत्यनारायण चौरै की भैंस विगत 05 दिनों से प्रसव पीड़ा से परेशान थी । भैंस को पिकअप में लोड कर जिला पशु चिकित्सालय छिंदवाड़ा में लाया गया, जहां भैंस का गर्भ परीक्षण डॉ.छत्रपाल टांडेकर के द्वारा किया गया । डॉ.टांडेकर को संदेह होने पर उप संचालक डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार को बुलाया गया। उप संचालक डॉ.पक्षवार के द्वारा भैंस के अंदर हाथ डालकर बच्चे का परीक्षण किया गया, तब पता चला कि भैंस की बच्चादानी घूमी हुई है, जिसे वैज्ञानिक भाषा में 'टॉर्सन' कहते हैं। भैंस के पेट के ऊपर लकड़ी की पटिया रखकर उप संचालक डॉ.पक्षवार के द्वारा बच्चादानी के अंदर हाथ डाला गया और भैंस को क्लॉकवाइस घुमाया गया, जिससे कि बच्चादानी का मुंह सीधा हो गया । इसके बाद बच्चे का परीक्षण किया गया, बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी, बच्चे का सिर 'ओवा' के अंदर चला गया, जिससे बच्चा बाहर नहीं आ रहा था । बच्चे का सिर सीधा करके मृत बच्चे को बच्चादानी से बाहर निकाला गया, जिससे भैंस की जान बच गई। भैंस पूर्णतः स्वस्थ है। इस दौरान सहयोगी दल के रूप में डॉ. छत्रपाल टांडेकर, डॉ.पंकज माहोरे, श्री महेश सुलखिया, श्री मनोहर व्दिवेदी, श्रीराम सल्लाम, सुमरू सहारे का विशेष योगदान रहा ।