हिवरावासुदेव पंचायत में पीएम आवास की जांच की लीपापोती
छिंदवाड़ा ।गरीब और जरुरतमंदों को सरकार द्वारा पक्की छत मुहैया करा रही है, लेकिन इसमें भी जमकर मनमानी हो रही है। हितग्राही मूलक हर योजनाओं को शासन-प्रशासन द्वारा ऑनलाइन किए जाने का दावा किया गया है, यह ऐसा इसलिए किया गया है ताकि भ्रष्टाचार न हो। सीधे हितग्राही लाभान्वित हो, लेकिन ग्राम पंचायतों में अभी भी जमकर धांधली हो रही है। कोरोना काल में मनरेगा में कई स्थानों पर धांधली के गंभीर मामले सामने आए। अब इन सबके बीच प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है.ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत हिवरावासुदेव मे सामने आया जहा पर पीसीओ उजेर अहमद और सबंधित पंचायतकर्मी ने अपात्र हितग्राहियों को आंख बंद कर पात्र घोषित कर दिया गया.यहा तक उक्त अपात्रो के खातो में राशि भी चली गयी. उक्त मामले की जब ग्रामीणो ने जनपद में शिकायत की तो गठित जांच टीम द्वारा जांच में ग्रामीणो कि शिकायत सही पायी गई.बता दे उक्त जांच को महीने से जादा गुजर चुके किंतु जांच का अब तक खुलासा नही हो पाया है.
जनपद सीईओ दे रहे पीसीओ और पंचायतकर्मी को संरक्षण
पीएम आवास में हुई धांधली के मामले में शिकायत सही पायी गई.यह बात भी जनपद सीईओ भागचंद टिमहरिया बता रहे है.उन्होंने यह भी बताया कि जिन अपात्रो के खाते में राशि डाली गई थी वह भी जमा करवा ली है.जब लापरवाह पीसीओ और पंचायतकर्मी द्वारा की गई लापरवाही पर क्या कार्यवाही पर सवाल पूछे तो जनपद सीईओ टिमहरिया कहते है कि अगर सचिव होता तो हम सस्पेंड कर सकते है लेकिन रोजगार सहायक स्थायी नही है जिसकी नौकरी चलेगी.बहरहाल सीईओ के इस बयान से लगता है इस जांच को दबाने मोटीरकम ली गई है जिसके चलते सीईओ भी उक्त जांच को ठंडे बस्ते में डाल कर रख दिए है.इस आशय से पता चलता है कि मोहखेड जनपद सीईओ किस तरह भ्रष्टाचार की आवाज को दबाने के नाम पर खेल खेल रहे है.एक तरफ पीएम और सीएम भ्रष्टाचार खत्म करने की बात कह रहे है.तो वही दूसरी और जनपद पंचायत मोहखेड के जिम्मेदार के संरक्षण भ्रष्टाचार फलफूल रहा है.


