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■ सच की आंखें न्यूज़ छिंदवाड़ा
भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि 30 अगस्त को इस बार महिलाएं पति के दीर्घ जीवन के लिए हरतालिका तीज व्रत रखेंगी। पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह है। घरों में पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाजारों में भी पर्व को लेकर रौनक दिखने लगी है।
बेटियों और बहुओं के घर परिजन तीज पहुंचाने लगे हैं। महिलाओं ने व्रत के लिए नए वस्त्र, आभूषण और पूजा सामग्री आदि की खरीदारी शुरू कर दी है। पंडित ने बताया कि 29 अगस्त की रात 11 बजकर 20 मिनट पर तीज प्रारंभ हो जाएगी। उदया तिथि में हरतालिका तीज 30 तारीख को ही मनाने की परंपरा है। मान्यता है कि हिमालय
राज की पुत्री पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए भाद्र शुक्ल पक्ष तृतीया को निर्जला उपवास रख भगवान शिव को डलिया चढ़ाकर विशेष पूजा अर्चना की थी। तब से सुहागिन महिलाएं अखंड सुहाग के लिए इस व्रत को करने लगी। उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज व्रत श्रद्धापूर्वक पूर्ण करने से महादेव प्रसन्न होकर सुखी दांपत्य का वरदान प्रदान करते हैं। दैविक, दैहिक बाधाओं का शमन
कर सब भांति मंगल करते हैं। इस व्रत के मूल में माता पार्वती द्वारा भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए किए गए कठोर तप की कथा है। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में पति शिव को आमंत्रित न किए जाने का अपमान देवी सती सहन नहीं कर पाई। क्षुब्ध सती ने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया। अगले जन्म में उन्होंने राजा हिमाचल की पुत्री के रूप में जन्म लिया और भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की । हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रतों में से एक है। इसमें महिला निर्जला व्रत रखती है और तीज के अगले दिन व्रत का पारण करती है। कुंवारी कन्याएं यदि हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं तो उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है।


