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पंजीकृत कृषकों से 30 सितंबर तक उपार्जित की जायेगी मूंग एवं उड़द
छिन्दवाड़ा/ राज्य शासन द्वारा प्राइस सपोर्ट स्कीम योजना के अंतर्गत विपणन वर्ष 2022-23 में ई-उपार्जन पोर्टल पर ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द के उपार्जन केन्द्रों के निर्धारण के संबंध में दिये गये निर्देशों के परिपालन में जिला उपार्जन समिति की सहमति पर जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जन के लिये 4 उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण किया किया गया है। इन उपार्जन केन्द्रों में पंजीकृत कृषकों से समर्थन मूल्य 7275 रूपये प्रति क्विंटल पर ग्रीष्मकालीन मूंग और 6300 रूपये प्रति क्विंटल पर ग्रीष्मकालीन उड़द का उपार्जन 8 अगस्त से प्रारंभ हो गया है तथा आगामी 30 सितंबर 2022 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द उपार्जित की जायेगी कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि जिले की तहसील छिंदवाड़ा, मोहखेड़, सौंसर व पांढुर्णा के लिये सहकारी विपणन संस्था मर्यादित छिंदवाड़ा, तहसील जुन्नारदेव, उमरेठ, परासिया व तामिया के लिये सहकारी विपणन संस्था मर्यादित तामिया, तहसील हर्रई व अमरवाड़ा के लिये सहकारी विपणन संस्था मर्यादित अमरवाड़ा और तहसील चौरई, चांद व बिछुआ के लिये सेवा सहकारी समिति चौरई को उपार्जन केन्द्र बनाया गया है। साथ ही किसानों की सुविधा के लिये नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि उपार्जन केन्द्र सहकारी विपणन संस्था मर्यादित छिंदवाड़ा में अनुविभागीय कृषि अधिकारी छिंदवाड़ा नीलकंठ पटवारी को नोडल अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी छिंदवाड़ा एस.आर.उईके को सहायक नोडल अधिकारी, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित तामिया में अनुविभागीय कृषि अधिकारी परासिया प्रमोद उट्टी को नोडल अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तामिया बी.आर.धर्वे को सहायक नोडल अधिकारी, सहकारी विपणन संस्था मर्यादित अमरवाड़ा में अनुविभागीय कृषि अधिकारी अमरवाड़ा सचिन जैन को नोडल अधिकारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एम.एन.लोखंडे को सहायक नोडल अधिकारी तथा सेवा सहकारी समिति चौरई में अनुविभागीय कृषि अधिकारी सौंसर दीपक चौरसिया को नोडल अधिकारी और प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी चौरई उमेश पाटिल को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने नियुक्त सभी नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि उन्हें आवंटित उपार्जन केन्द्र पर उपस्थित रहकर शासन की इस अत्यंत महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत कृषक उपार्जन का कार्य जारी नीति निर्देशों के अनुरूप ही संपादित करें । इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही व अनियमितता पाये जाने पर कठोर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी ।


