उमरेठ। तहसील मुख्यालय उमरेठ जो तहसील क्षेत्र की ग्रामपंचायतों का केन्द्र बिंदु है। यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। जिस स्थान पर बड़े अस्पताल की आवश्यकता है वहां स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर यहां केवल एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसे सिर्फ एक डिस्पेंसरी का दर्जा प्राप्त है, यहां सिर मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर रेफर किया जाता है। यहां रात्रिकालीन कोई आकस्मिक सुविधा उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि कई बार स्टाफ के घण्टों इन्तेजार के बाद अस्पताल प्रांगण में एम्बुलेंस में ही डिलेवरी हो जाती है। मरीजों को समय बे समय रात में इमरजेंसी होने पर परासिया छिन्दवाड़ा लेकर दौड़ना पड़ता जिसमे कभी कभी देर हो जाती है और मौत का सामना करना पड़ता है। निर्धन गरीब तबके के मजदूर वर्ग के लोग सबसे ज्यादा इसका शिकार होते हैं। रात में कोई इमरजेंसी होने पर फोरव्हीलर वाहन, एम्बुलेंस करके तुरंत अच्छे अस्पताल नही ले जा पाते जिससे मौतें हो जाती है।*
*हाल ही में आज ही एक मामला प्रकाश में आया है जब युवक की ईलाज के अभाव में मृत्यु हो गयी है उमरेठ के समीपस्थ ग्राम कचराम निवासी कोटवार चैतराम चौहान का छोटा अविवाहित पुत्र नितेश चौहान उम्र 26 वर्ष लगभग को बीती देर रात बुखार आया पेठ में दर्द के साथ उल्टियां हुई जिसका साधनों के अभाव में ईलाज नहीं हो पाया भुनसारे नितेश की स्वासें बंद हो चुकी थी पर शरीर गर्म था परिवार ने उम्मीद के सहारे उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया लेकर गये जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।*


