जिला मुख्यालय पर एन.आई.सी.कक्ष से कलेक्टर श्री सुमन और अन्य अधिकारी बैठक में हुये शामिल कलेक्टर श्री सुमन ने भी फ़सल विविधीकरण और ज़िले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के संबंध में ली समीक्षा बैठक
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कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा गत दिवस वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जबलपुर संभाग के कृषि और कृषि से सहसंबध्द विभागों की समीक्षा बैठक ली गई । बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही फ़सल विविधीकरण (क्रॉप डाईवरसीफ़िकेशन) के निर्देश दिये और कृषि के साथ ही उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन और सहकारिता विभाग की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की । बैठक में छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय पर एन.आई.सी.कक्ष से कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हरेन्द्र नारायण, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक उद्यानिकी आर.के.कोरी, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार, उपायुक्त सहकारिता जी.एस.डेहरिया, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के.के.सोनी, सहायक संचालक मत्स्य श्री राजेन्द्र सिंह और संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुये ।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर श्री सुमन ने एन.आई.सी.कक्ष में ही बैठक लेकर संबंधित अधिकारियों को फ़सल विविधीकरण के अंतर्गत गत वर्ष की सरसों फ़सल से किसानों को कम लागत व कम पानी में अधिक मुनाफ़ा प्राप्त होने से इस वर्ष भी पुनः ढाई से तीन गुना सरसों फ़सल को बढ़ाने का लक्ष्य रखने के निर्देश दिये तथा ज़िले में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास करने के लिये कहा । बैठक में उप संचालक कृषि श्री सिंह ने बताया कि छिंदवाड़ा ज़िला प्रदेश का सर्वाधिक फ़सल विविधता वाला जिला है, जहाँ सभी प्रकार की फ़सलों के साथ ही प्रदेश का सर्वाधिक उद्यानिकी फ़सलों के क्षेत्र वाला ज़िला है । ज़िले में पिछले वर्ष कलेक्टर श्री सुमन के मार्गदर्शन में कृषि विभाग और कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों से फ़सल विविधीकरण करते हुये जहां सरसों फ़सल का क्षेत्र तीन से चार गुना तक बढ़ाया गया जिसमें लगभग 12000 हेक्टर में सरसों बोयी गई थी, वहीं पिछले वर्ष की सरसों फ़सल से किसानों को कम लागत व कम पानी में अधिक मुनाफ़ा प्राप्त हुआ । उन्होंने बताया कि जिले में रबी 2022-23 में 1610.97 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती का रकबा प्रस्तावित किया गया है तथा जिले में अभी तक कुल पंजीकृत व इच्छुक 2917 कृषकों को ग्राम स्तर पर कलस्टर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाकर उन्हें प्राकृतिक खेती के सभी घटकों के निर्माण का लाईव डिमांस्ट्रेशन दिया जा चुका है । प्राकृतिक खेती के लिये जिले में गेहूं, मटर, चना, सरसों, मसूर, सब्जियां, आलू, संतरा, हल्दी आदि की फसलें प्रस्तावित की गई हैं ।


