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छिंदवाड़ा नगर में रेल्वे स्टेशन के समीप स्थित श्री पातालेश्वर धाम मंदिर लगभग 250 वर्ष पूर्व गुजरात के संत श्री श्री 1008 गंगा गिरी जी महाराज की तपोभूमि कहलाती है । इन्होंने यहां पर तपस्या की और लगभग 10 फीट की खुदाई के दौरान उन्हें महादेव के स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन हुये । उन्होंने भगवान पातालेश्वर की पूजा-आराधना करने के पश्चात मंदिर के प्रांगण में ही जिंदा समाधि ले ली और अपने शिष्य को मंदिर का कार्यभार सौंप दिया । तब से तीन पीढ़ियों तक नागा संतों ने सेवा की और उसके बाद इस मंदिर की कार्य व्यवस्था महंत नारायण गिरी गोस्वामी, महंत राम भारती गोस्वामी, महंत गंगा गिरी गोस्वामी और 108 राजगिरी गोस्वामी ने संभाली । वर्तमान स्थिति में अपने पिता महंत स्व.श्री धर्म गिरी गोस्वामी के बाद मंदिर का कार्यभार अब महंत तिलक गिरी गोस्वामी देख रहे हैं । पातालेश्वर धाम मंदिर परिसर का इतिहास बहुत पुराना है। यहां एक बावड़ी, पीपल का विशाल पेड़ और महादेव का मंदिर ये तीनों एक दूसरे से जुड़े हैं । आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व बाबड़ी में 2 मछली थीं जिनका नाम गंगा और जमुना था और इनके नाक में सोने की नथनी थी । ये मछलियां मंदिर में आने वाले भक्तों के आकर्षण का केन्द्र थी । मंदिर परिसर में पूर्व के समय में एक धर्मशाला थी और उसी के साथ दत्तात्रेय दरबार है जिसका निर्माण श्री राजाराम गोहिल ने करवाया था । इसके पश्चात पूर्व में जो मंदिर था, उसके क्षीण होने के बाद उसका पुन: निर्माण कराने में तुलसीराम अग्रवाल, कालूराम शंभूदयाल, ओमप्रकाश डागा, सुरेश अग्रवाल और अन्य भक्तों का सहयोग प्राप्त हुआ।
श्री पातालेश्वर धाम मंदिर की मान्यता है कि यहां पर की गई प्रार्थना कभी खाली नहीं जाती। भक्त अपनी मनोकमना के लिये अभिषेक के साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप और अनुष्ठान आदि करवाते हैं और साल भर यहां भक्तों का तांता लगा रहता है । खासकर महाशिवरात्रि, मकर संक्रांति और श्रावण माह में भक्त लाखों व हजारों की संख्या में दर्शन करने आते हैं । सोमवार महादेव का विशेष दिन है । इस दिन लोग भगवान शंकर का अभिषेक कर आशीर्वाद मांगते हैं । यहां आने पर भक्तों को अपने मन में एक अलग ही शांति प्राप्त होती है, उनके मन की व्यथा शांत होती है और एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है । महाशिवरात्रि छिंदवाड़ा जिले के लिये एक विशेष धार्मिक पर्व है । इस पर्व को श्री पातालेश्वर धाम मंदिर में बहुत ही भव्यता के साथ मनाया जाता है । विशेष व्यवस्था और साज-सज्जा के साथ भगवान महादेव के दर्शन कर भक्त अपने आपको धन्य मानते हैं ।


