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म.प्र.राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार परस्पर समझौते के आधार पर आम जन को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री जितेन्द्र कुमार शर्मा के कुशल नेतृत्व में आज जिला न्यायालय छिंदवाड़ा और तहसील न्यायालय परासिया, चौरई, पांढुर्णा, सौंसर, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, हर्रई व तामिया में नेशनल लोक अदालत संपन्न हुई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री शर्मा ने जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर.भवन में महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया । शुभारंभ कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री चंद्रदेव शर्मा, विशेष न्यायाधीश/प्रभारी अधिकारी श्री राजीव अयाची, जिला न्यायाधीश श्री एच.पी.बंशकार, श्रीमती कुमुदिनी पटेल, श्री वरूण पुनासे व श्री पवन कुमार पटेल, जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सविता ओगले, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री शिवमोहर सिंह और जिला रजिस्ट्रार श्री मेहताब सिंह बघेल सहित जिला न्यायालय के समस्त न्यायाधीशगण, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ श्री सत्येन्द्र वर्मा, सचिव श्री वीरेन्द्र पाण्डेय, उप संचालक अभियोजन श्री गोपालकृष्ण हलदार, अग्रणी बैंक प्रबंधक श्री प्रकाश भंडारे, कार्यपालन अभियंता एम.पी.ई.बी.श्री खुशियाल शिववंशी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री रजनीश चौरसिया, अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण व पैरालीगल वालिंटियर्स उपस्थित थे।
जिला न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती ओगले ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना के 52 प्रकरणों में एक करोड 26 लाख 94 हजार रूपये और चेक बाउन्स के 176 प्रकरणों में 2 करोड 23 लाख 46 हजार 925 रूपये के अवार्ड पारित किये गये तथा राजीनामा योग्य दांडिक 347 प्रकरणों सहित न्यायालयों में लंबित 850 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर राजीनामा किया जाकर अंतिम निराकरण किया गया। इसी प्रकार बैंकों, नगरपालिका, विद्युत विभाग के प्री-लिटिगेशन के 583 प्रकरणों में 50 लाख 231 रूपये की राशि की वसूली की गई जिसमें विभागों द्वारा आकर्षक छूट का लाभ पक्षकारों को प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित दाण्डिक, सिविल, मोटर दुर्घटना, कुटुम्ब न्यायालय, चैक बाउंस, लंबित विद्युत प्रकरणों के साथ ही बैंक, दूरसंचार, विद्युत एवं नगर पालिका के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को रखा गया था जिनके निराकरण के लिये जिला मुख्यालय छिंदवाड़ा और तहसीलों में 41 खण्डपीठों का गठन किया गया था। प्रत्येक खण्डपीठ में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त एक सुलहकर्ता अधिवक्ता सदस्य की नियुक्ति गई थी ।
बिछड़े दंपत्तियों ने किया पुनः साथ रहने का फैसला : कुटुम्ब न्यायालय के 88 प्रकरणों में पति-पत्नि ने किया राजीनामा- कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष लंबित विवाह विच्छेद के लिये प्रस्तुत 5 प्रकरणों और दाम्पत्य जीवन की पुनर्स्थापना के लिये प्रस्तुत 7 प्रकरणों में पक्षकार दीर्घकाल से पृथक-पृथक निवास कर रहे थे। इन प्रकरणों में पीठासीन अधिकारी और सुलहकर्ता सदस्यों के द्वारा समझाईश दिये जाने पर दंपत्तियों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर अपने प्रकरण में सहमतिपूर्वक राजीनामा किया और भविष्य में विवाद नहीं करने का प्रण लेते हुये मुस्कुराकर न्यायालय से विदा हुये व विवाद का अंत किया। इसके अतिरिक्त भरण-पोषण के 71 प्रकरणों में पक्षकार राजीनामा कराकर न्यायालय से खुशी-खुशी विदा हुये।
आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिये प्रस्तुत प्रकरणों में पक्षकारों ने किया समझौता- कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष 2 दंपत्तियों द्वारा धारा 13 बी हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत आपसी सहमति से विवाह विच्छेद करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किये गये थे जिसमें पीठासीन अधिकारी एवं सुलहकर्ता सदस्य द्वारा पक्षकारों से चर्चा कर उन्हें समझाईश दी गई जिसके परिणामस्वरूप दंपत्तियों द्वारा प्रकरण में राजीनामा कर प्रकरण को वापस लिया गया। इस प्रकार कुटुंब न्यायालय के समक्ष लंबित 88 प्रकरणों में दंपत्तियों द्वारा अपने प्रकरणों में राजीनामा किया गया।
राजीनामा करने वाले पक्षकारों को किया पौधा वितरण- नेशनल लोक अदालत में ऐसे पक्षकार जिन्होंने अपने प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कराया, उन सभी पक्षकारों को वन विभाग के सहयोग से निःशुल्क पौधों का वितरण किया जाकर उन्हें बताया गया कि इन पौधों का रोपण करने के बाद उसकी देखभाल नन्हें बच्चे की तरह करें, क्योंकि पौधारोपण से न सिर्फ वातावरण स्वच्छ होगा, वरन प्राणरूपी ऑक्सीजन भी सभी को निःशुल्क उपलब्ध होगी। नेशनल लोक अदालत के आयोजन के पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश के निर्देशानुसार न्यायालय में लंबित प्रकरणों के सूचना पत्र पक्षकारों को नियत समय पूर्व तामीली के संबंध में पुलिस अधिकारियों से बैठक की जाकर पक्षकारों की उपस्थिति लोक अदालत में सुनिश्चित की गई थी। साथ ही मोटर दुर्घटना, चैक बाउंस के प्रकरणों में प्री-सिटिंग आयोजित कर प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किये जाने के प्रयास किये गये। यह नेशनल लोक अदालत सभी न्यायाधीशों एवं सभी अभिभाषकों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, पत्रकारों, न्यायालय और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभी कर्मचारियों के सहयोग से सम्पन्न हुई। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चौरसिया ने नेशनल लोक अदालत में सहयोग के लिये सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।


