प्राकृतिक खेती अपनाये किसान भाई:- उप संचालक कृषि
उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र कुमार सिंह द्वारा ग्राम जमुनिया में कृषकों से उन्नत खेती के साथ ही अपने खेत के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती करने की अपील की गई जिससे कृषकों को अपने परिवार के लिये विषरहित अच्छा उत्पाद मिल सके। सह संचालक आँचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र चंदनगांव डॉ.विजय पराडकर द्वारा कृषकों से मिट्टी परीक्षण कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार संतुलित उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी गई। साथ ही दलहन व तिलहन फसलों में डीएपी उर्वरक के स्थान पर 20:20:0:13 काम्प्लेक्स उर्वरक का उपयोग करने की सलाह भी दी गई जिससे फसल को नत्रजन, फास्फोरस के साथ ही सल्फर भी प्राप्त होगा और फसल उत्पादन में वृध्दि होगी। 20:20:0:13 काम्प्लेक्स उर्वरक डीएपी की दर पर ही 1350 रूपये प्रति बैग की दर पर पर्याप्त मात्रा में जिले में उपलब्ध है।
ग्राम जमुनिया में उप संचालक पशुपालन विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देशी गौ-वंश का पालन करने के लिये प्रेरित किया गया और विभागीय योजनाओं की जानकारी भी दी गई। उप संचालक उद्यानिकी विभाग श्री एम.एल.उड़के द्वारा कृषकों से अपील की गई कि खाद्यान्न फसलों के साथ ही उद्यानिकी फसलों का समायोजन करें जिससे कृषकों को वर्ष भर नियमित रूप से आय प्राप्त होती रहेगी। अधिकारियों की टीम द्वारा पशु आहार निर्माण इकाई और शासकीय उद्यान नर्सरी जमुनिया का निरीक्षण भी किया गया। कृषक श्री अरविन्द उसरेठे द्वारा बताया गया कि सभी ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास से ग्राम जमुनिया को आत्म निर्भर भारत की तर्ज पर आत्म निर्भर ग्राम जमुनिया के रूप में विकसित किया जा रहा है जिससे कृषकों को सुगमता से कृषि के लिये सभी आदान सामग्री व उचित बाजार स्थानीय स्तर पर प्राप्त हो सके। भ्रमण के दौरान जिला प्रबंधक नाबार्ड श्रीमती श्वेता सिंह, कृषि वैज्ञानिक श्री डी.सी.श्रीवास्तव, सहायक संचालक कृषि श्री दीपक चौरसिया, बीटीएम आत्मा श्रीमती ज्योति डेहरिया, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री एस.आर.उइके, सरपंच श्री सुनील चौधरी, पूर्व सरपंच श्री देवेन्द्र साहू, सर्वश्री बलवान सिंह पटेल, लालसिंग चंद्रवंशी व सुन्दरलाल नागवंशी सहित ग्राम के किसान भाई उपस्थित थे।


