जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती कल्पना तिवारी रिछारिया ने प्रशिक्षण सह अन्तर्विभागीय बैठक में कहा कि सेफ सिटी का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित एवं समावेशी शहर का निर्माण करना है जिसमें महिलाओं व बालिकाओं के लिए उनकी सुरक्षा के साथ ही उनकी प्रगति के लिए लिए अवसर प्रदान करना है तथा राजनैतिक व सामाजिक भागीदारी के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि सेवाओं की बेहतर पहुँच बनानी है। ममता एच.आई.एम.सी. के प्रतिनिधि श्री नीलेश दुबे द्वारा महिलाओं और बच्चों के विरुध्द अपराध में जेंडर समानता के बारे में और इसके साथ बच्चों से जुड़े क़ानून और हेल्प लाइन के बारे में जानकारी प्रदान की गई ।
प्रशिक्षण सह अन्तर्विभागीय बैठक में प्रतिभागियों ने सुरक्षित शहर निर्माण के लिए सुझाव दिये कि महिलाओं व बच्चों के विरुध्द अपराध रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने के लिये युवाओं और बच्चों से लगातार संवाद स्थापित किये जाये। प्रायवेट स्कूल में भी सरकारी स्कूल की तरह शनिवार के दिन महिला एवं बाल संरक्षण विषय पर बाल सभा का आयोजन हो और जेंडर असमानता में युवाओं की भूमिका को देखते हुए बालकों को संवेदनशील बनाने के लिए शैक्षणिक संस्थाओं में पुरुष कूकिंग कार्यक्रम का क्रियान्वयन हो। बच्चों और पालकों को महिलाओं व बच्चों के अधिकारों और जेंडर भेदभाव के प्रति संवेदनशील करने के लिए कम से कम प्रायवेट स्कूलों में पेरेंट्स मीटिंग में महिलाओं व बच्चों के अधिकारों और जेंडर भेदभाव पर चर्चा की जाये। सार्वजनिक स्थलों जैसे स्कूल, कालेज, बस स्टॉप, आंगनवाडी केन्द्रों पर महिला, चाइल्ड हेल्पलाइन, पुलिस स्टेशन, बीट प्रभारियों आदि के फ़ोन/मोबाइल नंबर डिस्प्ले किये जाये । वार्ड पार्षदों को महिलाओं व बच्चों के अधिकारों और जेंडर भेदभाव विषय पर प्रशिक्षित किया जाये। असामाजिक तत्व रात में सरकारी भवन जैसे स्कूल, आगंनबाड़ी भवन आदि को नुकसान पहुचाते हैं, ऐसे क्षेत्र चिन्हित कर पुलिस गश्ती बढाई जाये और शाम को प्रायवेट कोचिंग जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए मानसरोवर स्थित कोचिंग सेंटर्स में हेल्पलाइन नंबर डिस्प्ले के साथ पुलिस की गश्ती बढाई जाये। स्कूलों/कालेजों में सायबर अपराध की रोकथाम के लिए बच्चों को जागरूक करने के साथ ही जीवन कौशल विषय पर प्रशिक्षण दिया जाये और सेफ्टी पिन मोबाइल एप के माध्यम से शहर के डार्क एरिया को चिन्हित किया जाये । महिला संसाधन केन्द्रों को क्रियाशील करने के लिए शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं और बालिकाओं की भागीदारी बढाई जाये। कार्यक्रम के अंत में महिला एवं बाल विकास विभाग के सेफ सिटी कार्य्रकम प्रभारी श्री शैलेन्द्र शुक्ला द्वारा प्रतिभागियों क सुझावों को अमल में लाने के लिए प्रशासन के माध्यम से कार्यवाही करने के लिये कहा गया और सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया ।
सेफ सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण सह अन्तर्विभागीय बैठक संपन्न
December 01, 2022
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महिला एवं बाल विकास विभाग की सेफ सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत ममता एच.आई.एम.सी के सहयोग से प्रशिक्षण सह अन्तर्विभागीय बैठक जिला पंचायत के सभागार में संपन्न हुई। प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थी और प्रतिभागी के रूप में राजा शंकर शाह विश्विद्यालय के प्रतिनिधि, पुलिस विभाग की महिला सेल, महिला थाना, उर्जा डेस्क व विशेष किशोर पुलिस इकाई और बाल कल्याण अधिकारी के अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर, जिला बाल संरक्षण इकाई व चाइल्ड लाइन और पर्यवेक्षक सहित 41 प्रतिभागी उपस्थित थे।
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