उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि नियुक्त सभी नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि प्रत्येक सप्ताह के एक दिन आवंटित गौ-शाला का पृथक-पृथक भ्रमण करें और ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं मनरेगा से समन्वय स्थापित कर चारागाह निर्माण का कार्य पूर्ण कराये तथा कृषि विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर समुचित मात्रा में चारा उगाने की कार्यवाही पूर्ण करायें। गौ-शाला संचालन के लिये संबंधित गौ-शाला के एन.जी.ओ. और महिला स्व-सहायता समूह को आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान करें तथा प्रत्येक माह की 4 तारीख तक गौ-शाला में स्थित गौ-वंश की भौतिक गणना कर प्रतिवेदन जिला कार्यालय में प्रस्तुत करें। प्रत्येक गौ-शाला में गौ-वंश को मौसमी बीमारियों की चपेट से बचाने के लिए टीकाकरण कार्य पूर्ण करें ताकि संक्रामक बीमारियों से गौ-वंश की मृत्यु नहीं हो। गौ-शाला के गौ-वंश की सतत निगरानी रखते हुए आवश्यकता होने पर पशु उपचार की सुविधा तत्काल प्रदान करें संधारित निरीक्षण पंजी में भ्रमण के समय अपनी टीप अंकित करें। गौ-शाला में उपलब्ध गौ-वंश की शत-प्रतिशत टैगिंग किया जाना सुनिश्चित करें तथा जब भी गौ-शाला में कोई गौ-वंश आता है तो उसकी तत्काल टेगिंग की जाकर रजिस्टर में प्रविष्टि करें एवं जब भी किसी गौ-वंश की मृत्यु होती है तो रजिस्टर में उसकी प्रविष्टि टेग नंबर सहित करें। यदि गौ-शालाओं में कोई गौ-वंश बगैर टेगिंग के पाया जाता है तो संबंधित गौ-शाला के नोडल/सहायक नोडल अधिकारी के विरूध्द कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सभी गौ-शालाओं में गौ-वंश पहचान रजिस्टर, पशु आहार रजिस्टर, चिकित्सा रजिस्टर, गौ-शालाओं में प्रतिदिन श्रेणीवार आने वाले पशुओं का दैनिक विवरण रजिस्टर, मृत गौ-वंश का रजिस्टर जिसमें मृत्यु का विवरण हो, सरकार की विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त अनुदान सहायता का रजिस्टर आदि अभिलेख संधारित किये जायें ।
जिले में संचालित शासकीय व अशासकीय गौ-शालाओं में पशुओं को चिकित्सा सेवा व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने और विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के लिये दिशा-निर्देश जारी
December 01, 2022
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कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत जिले में संचालित 34 शासकीय व 5 अशासकीय गौ-शालाओं में पशुओं को चिकित्सा सेवा व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये एक जिला नोडल अधिकारी गौ-शाला के साथ ही 27 नोडल अधिकारियों और 30 सहायक नोडल अधिकारियों को नियुक्त कर उनके मोबाईल नंबर जारी किये गये हैं जिससे आम जन व पशुपालक संपर्क कर पशुओं का तत्काल उपचार करा सकें । साथ ही गौ-शाला के संबंध में विभिन्न दायित्वों के निर्वहन के लिये भी दिशा-निर्देश जारी किये गये हंं ।
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