कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले द्वारा दिये गये निर्देशों के परिपालन में उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार द्वारा जिले के पांढुर्णा के ग्राम पारडी में “लम्पी वायरस संदिग्ध बैल की मौत” की खबर की जांच कराई गई। दो सदस्यीय पशु चिकित्सकों की जांच समिति द्वारा ग्राम पारडी के पशुपालक श्री दुर्गादास बारंगे और अन्य किसानों से मिलकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया गया तथा जांच समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार पशुपालक श्री दुर्गादास बारंगे द्वारा दिये गये कथन में उनके बछड़े पर लम्पी जैसे लक्षण थे, किन्तु उनके परिवार के अन्य 9 पशुओं और आस-पड़ोस के पशुओं में कोई संदिग्ध लक्षण नहीं हैं। संभवत: बछड़े की मृत्यु लीवर कमजोर होने से हुई है। ग्राम पारडी में लम्पी स्किन डिसीज से किसी भी पशु की मृत्यु नहीं हुई है तथा प्रकाश में आई खबर निराधार और असत्य है।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि जांच समिति में शामिल पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी पांढुर्णा डॉ.केतन पांडे और कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र पांढुर्णा के पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ डॉ.गोविंदा धुर्वे के समक्ष पशुपालक श्री दुर्गादास बारंगे ने बताया कि उनका 12 माह का बछड़ा 2-3 दिन से बीमार था तथा कमजोर होने के कारण उन्होंने निजी तौर पर इलाज किया व पशु चिकित्सालय में सूचना नहीं दी । जांच समिति ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि ग्राम पारडी में इक्का-दुक्का लम्पी लक्षणों जैसे संदिग्ध केस पूर्व में थे, किन्तु वे सभी पूर्णरूपेण स्वस्थ हो गये हैं और संक्रमण की स्थिति नहीं है। ऐसी ही स्थिति विकासखंड के अन्य ग्राम में भी है और सामान्य उपचार से संदिग्ध पशु ठीक हो रहें हैं। एहतियात के तौर पर जिले के सीमा क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य व बैतूल जिले में एल.एस.डी.के विरूध्द 26 ग्रामों में 8200 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।


