म प्र जन अभियान परिषद विकासखंड जुन्नारदेव जिला छिंदवाड़ा में वर्षाकाल उपरांत लगातार जन अभियान परिषद द्वारा गठित ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियां उनके पदाधिकारी तथा समिति सदस्यों के द्वारा ग्रामीण महिला पुरुषों को साथ में लेकर लगातार श्रमदान कर जल संरक्षण के कार्य कर रहे हैं। जिला समन्वयक पवन सहगल के द्वारा बताया गया, कि छोटी नदियों नालो और नहरों के मुहाने पर बने बोरी बांध लगभग 25 से 30 फीट चौड़े होते हैं बोरी में रेत भरकर ग्रामीण सहयोगी महिला पुरुष लोग 4 से 5 घंटे में 100 से 150 बोरियों का बोरी बंधान 8 से 10 लोग मिलकर बोरी बंधान कर लेते हैं जिसके लिए सिर्फ़ खाली बोरिया
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लगती हैं जो कि क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों के पास से संग्रहण कर उपयोग किया जाता है, उसी कड़ी में विकासखंड समन्वयक संजय बामने के नेतृत्व में खूमकाल ग्राम पंचायत अंतर्गत ग्राम मदनी में भूताहा नाला पर ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति खूमकाल के अध्यक्ष सविता धुर्वे पूर्व सीएमसीएलडीपी छात्रा अध्यक्ष ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति, सचिव रामदास धुर्वे समिति सदस्य धुर्वे रोशनी धुर्वे, भूरी बाई, सविता आहके, फूलाबाई, भागवती धुर्वे मंजीया ऊईके,ज्वाला सिंह धुर्वे, पूनम धुर्वे,रोहित वटके आदि के द्वारा 2 दिन चार-चार घंटे श्रमदान कर एक ट्रॉली पत्थर एव 135 बोरियों का बोरी बंधान श्रमदान से बना कर उनके द्वारा मिसाल कायम की गई। संजय बामने विकासखंड समन्वयक द्वारा बताया गया कि अत्यधिक पेड़ पौधों के काटे जाने से इसका सीधा सा असर पर्यावरण पर पड़ता है पेड़ पौधों के काटे जाने से वर्षा कम हो गई, या होती है नतीजन क्षेत्र में भूजल का स्तर लगातार घटता चला जाता है। जिससे पानी के प्राकृतिक झरने नदी नाले सूख जाती है स्थिति यह हो जाती है कि पीने का पानी का जल स्रोत समय से पूर्व सूख जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत महसूस होने लगती है इसके लिए हम सब का प्रयास यह होना चाहिए,कि हम जहां तहां मौजूद नदी नालों के पानी को यथासंभव रोकने के प्रयास व कार्य निरंतर करने चाहिए। जिससे हमें रबी सीजन में
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फसलों में पानी देने की उपलब्धता,पशु पक्षियों, मवेशियों एवं जंगल में रहने वाले जीव जंतुओं को पीने का पानी उपलब्ध हो सके। इस तरह के बोरी बांध कार्य करने से ग्रामीण जन समय-समय पर गेहूं सरसों के साथ तरबूज ककड़ी सब्जियों का उत्पादन कर खुद की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान कर सकते हैं। रुका हुआ पानी मिलने से घास बढ़ती रहती है तो वह मिट्टी को पूरी तरह जकड़ लेती है जिससे मिट्टी कटाव को भी रोका जा सकता है इस तरह विभाग द्वारा गठित प्रस्फुटन समितियां नवाकुर संस्थाएं सीएमसीएलडीपी के बीएसडब्ल्यू एमएसडब्ल्यू के छात्र-छात्राएं अपने मासिक प्रदत्त कार्य में लगातार क्षेत्र में लोगों को साथ लेकर जल संरक्षण के कार्य कर रहे हैं तथा अधिक से अधिक ग्रामीण जनों को उक्त कार्य करने के लिए प्रेरित करने का कार्य भी कर रहे हैं।