मास्टरकार्ड और यूटीएमटी सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में किसानों की आजीविका संवर्धन हेतु जुन्नारदेव ब्लॉक के ग्रामीण आदिवासी क्षेत्र के ग्राम - कच्चीखानी, पिंडरई, बहेङाढाना और परासिया ब्लाक के ग्राम बिजोरी मे मधुमक्खी पालन परियोजना संचालित हैं!
उक्त मधुमक्खी पालन परियोजना के माध्यम से 4 गांव के लगभग 45 किसानों ने मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्राप्त किया है, सभी किसानों को इस परियोजना के तहत 3 सतपुङी की पेटी, 2 कोथी की पेटी, 1र्स्वाम बैग, 1बी वेल और 3 बी बॉक्स स्टैंड के साथ साथ 1 गाँव में 1 शहद निकालने की मशीन, शहद रखने के लिए 1 ड्रम एवं एक वजन मशीन भी प्रदान की गई है|
सभी साधन सामग्रियों का उपयोग एवं रखरखाव किस प्रकार से करना है इसका प्रशिक्षण भी किसानों को प्रत्यक्ष रूप से प्रदान किया गया !
यूटीएमटी संस्था की टीम द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन में तकनीकी सहयोग लगातार प्रदान कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में परियोजना क्षेत्र के 4 गांव में 35 किसान मधुमक्खी पालक बन चुके हैं !
किसानों ने बताया कि मधुमक्खी पालन का कार्य बहुत ही सरल है एवं न्यूनतम खर्चे पर इसे प्रारंभ किया जा सकता है! मधुमक्खी पालन से हमे विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त हो रहें है जिसमे शहद, मोम के साथ-साथ फसलो में पारागीकरण की प्रक्रिया हो रही है, जिससे फसलों के उत्पादन में वृद्धि, रोगमुक्ति खेती के साथ-साथ फसलों मे रंग वजन एवं आकार मे भी सकारात्मक परिवर्तन देख रहा है!
परियोजना का संचालन संस्था प्रमुख (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) सूजना कृष्णमूर्ति के निर्देशन एवं प्रोग्राम लीडर धारा पटेल के मार्गदर्शन में किया जा रहा हैं!
परियोजना का क्रियान्वयन कार्यक्रम सहयोगी ओमप्रकाश पाठे, रेशमलाल डहेरिया, संजू यदुवंशी, महेश यदुवंशी करण राज भोपा, इतमन जी और सभी ग्राम स्तर के मास्टर ट्रेनर एवं तकनीकी सहयोगियों के माध्यम से किया जा रहा है।


