नई खदाने नहीं खुलने पर कन्हान क्षेत्र का अस्तित्व होगा समाप्त
पेंच एवं पाथाखेड़ा में विलय की योजना
मनेश साहु संपादक 9407073701**-नई कोयला खदान नहीं खुलने एवं चालू खदानों की हालत भी खराब है तथा घाटा बढ़ने के कारण वेकोलि के कन्हान क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है वेकोलि मुख्यालय नागपुर के द्वारा कन्हान क्षेत्र के विलय की योजना बनाई गई है । जानकार सूत्रों का कहना है कि दमुआ से लेकर तानसी का भाग पाथाखेड़ा एवं जामई तथा अंबाडा का भाग पेंच क्षेत्र में विलय किया जाएगा । इस मामले को लेकर 3 दिन पूर्व भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिन्ह एक प्रतिनिधि मंडल को लेकर नागपुर में वेकोलि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज कुमार से मिले हैं बीएमएस अध्यक्ष के द्वारा कन्हान क्षेत्र पर जब चर्चा की गई तो सीएमडी का कहना था कि नई खदानों को खोलने में काफी अड़चनें आ रही है अगर नई खदाने शीघ्र खुले तो फिर कन्हान क्षेत्र के विलय की प्रक्रिया को रोका जा सकता है । दूसरी ओर पता चला है कि कन्हान क्षेत्र में नई खदानों का खुलना काफी मुश्किल है और प्रबंधन के द्वारा संभवतः नए वित्तीय वर्ष 2023-24 में आगामी 1 अप्रैल को कन्हान क्षेत्र का विलय किया जा सकता है ।
*26 मई 1974 को बना था कन्हान क्षेत्र*
जानकारी के अनुसार कन्हान क्षेत्र का गठन गत 26 मई 1974 को किया गया था लेकिन कन्हान क्षेत्र में काफी कोयले का भंडार होने के बावजूद नई खदानों को खोलने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं किए गए । वर्तमान में कन्हान क्षेत्र में मात्र दो भूमिगत खदान मुआरी एवं तानसी ही चालू है सूत्रों के अनुसार दोनों खदानो का घाटा काफी है और केंद्र सरकार के द्वारा ₹5000/- प्रति टन से अधिक खर्च कोयला उत्पादन में आता है तो फिर सरकार ने कोल इंडिया में 500 खदानों को बंद करने का निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत भविष्य में मुआरी एवं तानसी खदाने बंद हो सकती है शायद इसी वजह से भी अब 48 साल के बाद कन्हान क्षेत्र को खत्म करने का निर्णय पिछले दिनों नागपुर मुख्यालय में निदेशक मंडल की बैठक में लिया गया है ।
सीएमडी गर्ग ने विलय की दी थी जानकारी ।
पूर्व में वेकोलि के सीएमडी रहे दिनेश चंद्र गर्ग ने गत 24 मई 2013 को कन्हान क्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय डूंगरिया में एक पत्रकार वार्ता में कन्हान क्षेत्र के विलय की योजना की जानकारी सबसे पहले दी थी इसके बाद पिछले वर्षों में कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल जब पाथाखेड़ा क्षेत्र के दौरे पर आए थे तब उन्होंने भी अधिक श्रमिक नेताओं को कन्हान क्षेत्र के विलय के बारे में कहा था । इसके अलावा गत वर्ष जब सुनील कुमार कन्हान क्षेत्र के जीएम थे तब उन्होंने कन्हान क्षेत्र के विलय के मुद्दे पर संयुक्त समंवय समिति की बैठक बुलाई थी जिसमें महाप्रबंधक ने श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों से विलय की स्वीकृति देने के बारे में कहा था लेकिन प्रतिनिधियों ने इंकार कर दिया था ।
*दर्जन भर है नए कोल ब्लॉक* ।
जानकार सूत्रों का कहना है कि कन्हान क्षेत्र में करीब एक दर्जन नए कोल ब्लॉक है और इस क्षेत्र में नई खदानें खुलती है तो लगभग 100 सालों तक कन्हान क्षेत्र को जिंदा रखा जा सकता है वन विभाग के पश्चिम छिंदवाड़ा वन मंडल के वन मंडलाधिकारी के अनुसार जामई एवं दमुआ क्षेत्र में जो नए कोल ब्लॉक हैं उनमें राखीकोल, बंसी, नंदन 2, धाउनाथ, राखीनाला धाउ अन्य, कोयलबारी, तानसी साउथ, तानसी नोर्थ, तानसी थ्री, ताम्बिया, दानवा, टेडी ईमली, चिखलमउ सहित भाखरा एवं आधा दर्जन ओपन कास्ट खदानो के भी नाम है ।
*4 खदानों को वन एवं पर्यावरण* विभाग के नहीं मिली एनओसी ।
भारतीय मजदूर संघ के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि सीएमडी मनोज कुमार ने चर्चा के दौरान यह जानकारी दी कि वर्ष 2021-22 वित्तीय वर्ष में कन्हान क्षेत्र से 4,00,000 टन कोयले का उत्पादन किया गया है लेकिन अब कोयला उत्पादन की स्थिति काफी खराब है एक तो अम्बाडा फ्रेज फॉर ओपन कास्ट के बंद हो जाने से 1,00,000 टन कोयला उत्पादन कम हो गया है इसके अलावा तानसी खदान की स्थिति ठीक नहीं है । वर्तमान में ड्रिफ्ट का काम चल रहा है और भविष्य में यह भी स्थिति बन सकती है कि खदान से कोयला न निकले जिससे खदान बंद हो सकती है सीएमडी ने यह भी बताया कि नई खदान भाउनार्थ से भाखरा खदान का कोयला निकालने की योजना है । इन खदानों में बासरी ग्रेट का कोकिन कोल है लेकिन वन एवं पर्यावरण विभाग ने एनओसी अनापत्ति प्रमाण नहीं दिया है । इसके अलावा भारत ओपन कास्ट फेज तीन एवं चार तथा अम्बाडा ओपन कास्ट फेज 5 के लिए भी विभाग ने एनओसी नहीं दी है । बीएमएस अध्यक्ष के अनुसार खोली जा रही नई भूमिगत खदान शारदा परियोजना में वेकोलि को ज्यादा खर्चा लग रहा है । सीएमडी ने खर्च को कम करने के लिए शारदा खदान में एक की जगह दो कंटीन्यूस माइनर मशीन डालने की योजना बनाई है जिससे कि निर्धारित लक्ष्य से दोगुना कोयला का उत्पादन किया जा सके । बीएनएस ने यह भी बताया कि तानसी क्षेत्र के वानाखेड़ा गांव मे कोयले का भंडार है कोयला ऊपर होने के कारण लोग खुदाई कर अवैध रूप से कोयला निकाल रहे हैं यहां पर खदान खुलना जरूरी है इस बात पर सीएमडी ने कन्हान प्रबंधन को अवैध उत्खनन रोकने के बारे में निर्देश दिए हैं ।



