चतुर्थ अकादमिक सत्र में विवांता हॉस्पिटल छिंदवाड़ा के डॉ.बलराम मेघानी ने आधुनिक जीवनशैली एवं स्वास्थ्य समस्याएं जैसे ज्वलंत विषय पर अपने विचार रखे और कहा कि आधुनिक जीवनशैली में महिलाओं की सेहत में बहुत बदलाव आया है। साथ ही यह भी बताया कि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य जीवन मूल्यों का समावेश होता है। प्राध्यापक अंग्रेजी प्रो.अमरसिंह ने दो दिवसीय संगोष्ठी का फीडबैक प्रस्तुत किया। समापन सत्र में कुलसचिव राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा श्री मेघराज निनामा ने अपने वक्तव्य में जीवनशैली में आधुनिक बोध के समावेश को रखा। अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.पी.आर.चन्देलकर ने भी संगोष्ठी में अपने ओजपूर्ण विचार व्यक्त किये । राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में संयोजक डॉ.पम्मी चावला, डॉ.अर्चना मैथ्यू, डॉ.प्रशांत बेलवंशी, डॉ.विजय कलमधार, डॉ.दिनेश कुमार चौधरी, डॉ.सिंधु लाहोरिया, श्री प्रमोद झाड़े व महाविद्यालय परिवार के साथ ही विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
"21वीं सदीं की जीवनशैली : बदलते परिदृश्य में समस्याएं चुनौतियां एवं निदान” विषय पर गर्ल्स कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का हुआ समापन
January 25, 2023
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राजमाता सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा की प्राचार्या डॉ.अजरा एजाज के मार्गदर्शन में "21वीं सदीं की जीवनशैली : बदलते परिदृश्य में समस्याएं चुनौतियां एवं निदान” विषय पर 2 दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आज महाविद्यालय में समापन हुआ। संगोष्ठी के तृतीय अकादमिक सत्र में मनोवैज्ञानिक इन्दौर डॉ.निवृत्ति मिश्रा ने 21वीं सदी में स्वस्थ्य जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य की अवधारणा को सारगर्भित ढंग से व्यक्त किया और बताया कि हमें अपनी सोच को बदलकर आधुनिकता में प्रवेश करना होगा। सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ.कामना वर्मा ने 21वीं सदी के परिवेश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक पहलुओं पर अपने विचार रखे।
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