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खुशियों की दास्तां" उद्यानिकी फसल करेला की खेती ने ग्राम भवाडा खंसवाडा के प्रगतिशील कृषक श्री बालकराम चंद्रवंशी की चमकायी किस्मत

खुशियों की दास्तां" उद्यानिकी फसल करेला की खेती ने ग्राम भवाडा खंसवाडा के प्रगतिशील कृषक श्री बालकराम चंद्रवंशी की चमकायी किस्मत

जिले के किसानों का उद्यानिकी फसलों के प्रति रूझान बढ़ रहा है तथा वे ड्रिप सिंचाई पध्दति और मल्चिंग द्वारा फसल विविधीकरण अपनाते हुये उद्यानिकी फसलों की खेती कर रहे हैं । जिले के विकासखंड परासिया के ग्राम भवाडा खंसवाडा के प्रगतिशील कृषक श्री बालकराम चंद्रवंशी पिता विपतलाल चंद्रवंशी एक ऐसे कृषक हैं जो उद्यानिकी फसलों के साथ ही करेला की पैदावार ले रहे है और खेती को लाभ का धंधा बनायें हुये हैं। अन्य उद्यानिकी फसलों के अलावा केवल करेला की खेती ने उनकी किस्मत को चमका दिया है । करेले की खेती से उन्हें इस वर्ष लगभग 3.86 लाख रूपये तक की वार्षिक आय प्राप्त हुई है और वे निरंतर आर्थिक रूप से समृध्द हो रहे हैं ।  

      ग्राम भवाडा खंसवाडा के प्रगतिशील कृषक श्री बालकराम चंद्रवंशी के पास 1.530 हेक्टेयर कृषि भूमि है। वे पहले पारंपरिक पध्दति से खेती करते थे जिससे उन्हें ज्यादा आमदनी नहीं होती थी । सिंचाई की सुविधा नहीं होने से सिंचाई की व्यवस्था करने में लागत ज्यादा आती थी और मजदूर लगाने पर मजदूरी भी ज्यादा देनी पड़ती थी। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने जब उन्हें बताया कि जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना संचालित की जा रही है तथा इस योजना के अंतर्गत अनुदान पर ड्रिप सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है । विभागीय अधिकारियों ने उन्हें ड्रिप सिंचाई पध्दति से खेती करने की तकनीकी सलाह भी दी तो उनमें अत्याधुनिक तरीके से उद्यानिकी फसलों की खेती के प्रति एक नई आशा का संचार हुआ । उन्होंने इस योजना का लाभ लिया तो अब वे पूरे रकबे में खरीफरबी और जायद तीनों मौसम में बहुत ही कम पानी में उद्यानिकी फसलें ले रहे हैं जिससे जहां उनके फसल उत्पादन में वृध्दि हुई हैवहीं सिंचाई की लागत और मजदूरी में भी कमी आई है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप सिंचाई संयंत्र लेने पर उन्हे उद्यानिकी विभाग से 46 हजार 250 रूपये का अनुदान भी मिला है । उन्होंने इस जायद मौसम में लगभग एकड में करेला फसल लगाई जिससे उन्होंने 36 टन का उत्पादन लिया है । इस फसल के उत्पादन में खादबीजदवा व अन्य कृषि आदान सामग्री पर प्रति एकड़ 95 हजार रूपये की लागत आई और लागत की राशि निकालकर एकड में फसल उत्पादन से उन्हें इस वर्ष लाख 86 हजार रूपये की शुध्द आय प्राप्त हुई है। उन्होंने अपने कच्चे मकान को पक्का कर लिया है और एक नया मकान क्रय करने के साथ ही एक शेड का निर्माण भी कराया है । उन्होंने मोटरसायकल व बुलेरों वाहन भी खरीद लिया है । उनके पास सिंचाई के लिये नलकूप और कुआं की सुविधा है और अत्याधुनिक संयंत्र कल्टीवेटररोटावेटर व ट्रेक्टर भी हैं । वे अपने संयुक्त परिवार में अपने माता-पिताअपनी पत्नी व बच्चों और अन्य भाईयों के परिवार के कुल 24 सदस्यों के साथ रहते हैं । उनका एक बेटा कक्षा 10वीं और एक बेटी कक्षा 12वीं में अध्ययनरत हैं और वे उनकी पढ़ाई अच्छी तरह से करवा रहे हैं तथा एक बेटी का विवाह करवा चुके हैं । उन्हें बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर शून्य प्रतिशत ब्याज दर से ऋण भी प्राप्त हुआ है जिसे उन्होंने चुकता कर दिया है । उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से उन्हें अत्यंत लाभ हुआ है तथा उनकी फसल की लागत कम हो गई है जिससे वे आर्थिक रूप से समृध्द हो गये हैं और आत्मनिर्भर बनते जा रहे हैं । अपनी इस समृध्दि के कारण जहां वे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैंवहीं अन्य कृषकों को भी उद्यानिकी फसलों की खेती के लिये प्रेरित कर रहे हैं ।

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