कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री हरेन्द्र नारायण के मार्गदर्शन में जिले में युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने के लिये पशुपालन विभाग में मैत्री योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौ-सेवकों को कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता बनाये जाने के लिये प्रशिक्षण प्रदाय किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत जारी वित्तीय वर्ष में 25 बेरोजगार युवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत जिले के विकासखंड चौरई के ग्राम सिहोरामाल के प्रशिक्षित हितग्राही श्री कैलाश पाल पिता श्री रामप्रसाद पाल को आज उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार द्वारा किट व प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार ने बताया कि मैत्री योजना के अंतर्गत प्रशिक्षणार्थी को 3 माह का कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें एक माह का सैध्दांतिक प्रशिक्षण कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान मण्डला में और 2 माह का प्रायोगिक प्रशिक्षण जिले के कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र/पशु चिकित्सालय में प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण अवधि में प्रशिक्षणार्थी को प्रतिमाह 4000 रूपये के मान से 12000 रूपये का मानदेय दिया जाता है । प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थी को 80000 रूपये की किट प्रदाय की जाती है जिसमें एक ए.आई. किट, एक केस्ट्रेटर लार्ज, 3 लीटर के 2 एल.एन., एक कंटेनर, एक ट्रेविस और 5 मैत्री के बीच 55 लीटर का एक कन्टेनर की सामग्री शामिल रहती है। योजना के अंतर्गत आवेदक हितग्राही की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं उत्तीर्ण और उसकी आयु 18 से 35 वर्ष होना चाहिये । उन्होंने बताया कि विभाग में यह योजना वर्ष 2014-15 से प्रारंभ हुई है और वर्ष 2021-22 तक कुल 148 बेरोजगार युवकों को मैत्री प्रशिक्षण प्रदान कर स्वरोजगार प्रदान किया गया है।


