न्यायालय के निर्णय उपरांत अंततः माध्यमिक शिक्षा मंडल ने मानी अपनी चूक
10वीं 12वीं के 52 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम नियमित परीक्षार्थी से होगा घोषित
विद्यार्थी हित हमारे लिए सर्वोपरि - निखिलेश उपाध्याय
जुन्नारदेव ----- बीते दिनों ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल के कक्षा 10वीं एवं 12वीं मैं नियमित अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं के प्रवेश पत्र में स्वाध्याय परीक्षार्थी लिखा आ जाने के बाद छात्र-छात्राओं सहित स्कूल प्रबंधन में एकाएक हड़कंप मच गया था जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने छात्रों और उनके अभिभावकों की मीटिंग रख उन्हें समझाइश दी कि वे विद्यार्थी हित में हर स्तर पर जाकर उन्हें नियमित परीक्षार्थी का परीक्षा परिणाम दिलाएंगे इसी के चलते स्कूल प्रबंधन द्वारा एमपी बोर्ड के समस्त कार्यालयों से पत्राचार किया गया इसके उपरांत भी विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में सुधार नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन ने न्यायालय की शरण ली जहां पर अब वर्तमान में स्कूल प्रबंधन के सामने संतोषजनक जवाब आ गया है जहां पर पूर्व में स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल हुए 10वीं और 12वीं के 52 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम नियमित परीक्षार्थी के रूप में घोषित किए जाने संबंधी नोटशीट एमपी बोर्ड द्वारा न्यायालय में जमा कर दी गई है इसके बाद अब स्कूल प्रबंधन और छात्र छात्राओं ने राहत की सांस ली है
उक्त प्रकरण के संबंध में स्कूल प्रबंधन द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बीते दिनों एमपी बोर्ड की चूक के चलते स्कूल के कक्षा 10वीं एवं 12वीं में अध्ययनरत 52 विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में स्वाध्याय परीक्षार्थी आज आने के बाद उन्हें स्वाध्याय परीक्षा देना पड़ा था किंतु स्कूल प्रबंधन द्वारा संपूर्ण प्रक्रिया नियमित परीक्षार्थी की पूर्ण की गई थी तो विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र में स्वाध्याय परीक्षार्थी कैसे आया इस पर सवालिया निशान खड़ा था छात्रों के अभिभावक भी स्कूल प्रबंधन से यही सवाल कर रहे थे स्कूल प्रबंधन द्वारा न्यायालय की शरण लेकर संपूर्ण मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने के उपरांत न्यायालय ने भी स्कूल प्रबंधन के पक्ष में फैसला दिया है साथ ही एमपी बोर्ड ने भी अपनी चूक मानते हुए न्यायालय में नोटशीट प्रस्तुत की है जिसमें इन 52 विद्यार्थियों को नियमित परीक्षार्थी का परीक्षा परिणाम प्राप्त होने संबंधी बात कही गई है
न्यायालय ने दिया एमपी बोर्ड को 2 सप्ताह का समय ----- संपूर्ण प्रकरण में न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर एमपी बोर्ड को 2 सप्ताह का समय देते हुए अपनी भूल सुधार करने का समय दिया है जहां पर न्यायालय द्वारा एमपी बोर्ड को समस्त 52 विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम नियमित परीक्षार्थी के रूप में घोषित करने के निर्देश दिए हैं वहीं एमपी बोर्ड द्वारा भी न्यायालय में नोटशीट प्रस्तुत कर समस्त विद्यार्थियों को नियमित किए जाने संबंधी कार्यवाही से अवगत कराया गया है
विद्यार्थी हित हमारे लिए सर्वोपरि - निखिलेश उपाध्याय ----विद्यार्थियों के लिए बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करना और उनके सुनहरे भविष्य के लिए अवसर तराशना यही ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल की पहली प्राथमिकता रही है और स्कूल लगातार इस कसौटी पर खरा भी उतरा है लगातार उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के साथ-साथ विद्यार्थियों के बेहतर कौशल विकास के लिए भी लगातार सकारात्मक प्रयास स्कूल द्वारा किए जाते रहे हैं वर्तमान में भी विद्यार्थियों के भविष्य पर छाए हुए संकट को दूर करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने एड़ी चोटी का जोर लगाकर विद्यार्थियों और स्कूल के पक्ष में फैसला लाकर यह साबित किया है कि विद्यालय अपने विद्यार्थियों के हित में सदैव ही सकारात्मक सोच रखते हुए कार्य करता है गुप्ता से की बात प्रेस वार्ता के दौरान स्कूल प्रबंधक निखिलेश उपाध्याय द्वारा कही गई उन्होंने 2 सप्ताह में विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम नियमित परीक्षार्थी के रूप में घोषित होने की बात भी कही है न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले और एमपी बोर्ड द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत की गई नोटशीट के बाद अब विद्यार्थियों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ी संख्या में विधानसभा क्षेत्र के पत्रकार गण उपस्थित थे।


