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आयुष विंग प्रभारी एवं विशेषज्ञ आयुर्वेद डॉ.प्रियंका उईके ने बताया कि संभागीय आयुष अधिकारी श्रीमती ध्रुव द्वारा आयुष विंग छिंदवाड़ा का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन आयुर्वेद ऋषियों द्वारा बताया गया एक ऐसा रसायन है जो बच्चों की शारीरिक और मानसिक वृध्दि में सहायक होता है । साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं जिसमें स्वर्ण भस्म को मेध्य औषधियों, शंखपुष्पी, मंडुकपर्णी, बचा, गिलोय मधु और घृत के सम्मिश्रण के साथ बनाया जाता है l आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ.नितिन टेकरे ने बताया कि स्वर्ण भस्म एक अच्छी इम्यूनो मॉड्यूलेटर है । यह बच्चों के धी, धृति, स्मृति व वर्ण वर्धक होती हैं । उन्होंने बताया कि शिविर में पालकों से अच्छे फ़ीड बैक प्राप्त हो रहे हैं । शिविर में भावना साहू, भूपेंद्र पटले, मोनिका लांगे, सन्तोष पन्द्राम आदि का सहयोग रहा ।


