आदिवासी कन्या आश्रम धूमा लखनादौन कार्यालय में ताला लगा रहता है सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को नहीं मानती हॉस्टल अधीक्षक
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 द्वारा नागरिकों को अधिकार प्रदान किए गए हैंसूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को नहीं मानती हॉस्टल अधीक्षक
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 द्वारा नागरिकों को अधिकार प्रदान किए गए हैं
सरकार से कोई सवाल करने या पूछने अथवा कोई सूचना मांगने की स्वतंत्रता दी गई है
किसी भी सरकारी दस्तावेज की प्रातियां पाने की अधिकतर अधिकारिता दी गई है
किसी सरकारी दस्तावेज का निरीक्षण करने की अधिकारिक दी गई है
किसी सरकारी निर्माण कार्य की सामग्रियों के नमूने लेने की अधिकारिकता भी प्रदान की गई है
सूचना का अधिकार अधिनियम में
सूचना अधिकारी प्रार्थना पत्र को आशीर्वाद नहीं कर सकता है
प्रार्थना पत्र जन सूचना अधिकारी किसी भी हालत में आप स्वीकृत नहीं कर सकता है यहां तक कि यदि सूचना उसके विभाग या क्षेत्रीय कार्य से संबंध नहीं भी रखती हो तब भी उसे स्वीकार करना ही होगा यदि प्रार्थना पत्र उसे जन सूचना अधिकारी से संबंध नहीं भी रखता है तो धारा 6 (2) के तहत भाई उसे 5 दिन के भीतर सही जन सूचना अधिकारी के पास प्रसारित कर देगा
मामला धूमा आदिवासी कन्या आश्रम का है जहां पर पोस्टमैन के जाने के बाद भी कार्यालय में ताला लटका रहता है घंटे खड़े होने के बाद भी डाक नहीं ली जाती है जब डाक देने के लिए अधीक्षक के पास दूसरे दिन जो जाओ तो वह साफ मना कर देती हैं कि मैं किसी भी प्रकार की डाक या सूचना का अधिकार सूचना नहीं लेती है क्या धूमा के आदिवासी कन्या आश्रम में सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में नहीं आता है क्या हॉस्टल अधीक्षक के व्यापक भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम नहीं लेना चाहती हैं सूचना का अधिकार अधिनियम कहता है कि अगर कोई आईटीआई नहीं लेता है या जवाब नहीं देता है तो उसके कार्यालय में व्यापक भ्रष्टाचार है क्या सिवनी जिले कलेक्टर जनजाति कार्य विभाग सहायक आयुक्त इस और देंगे ध्यान इस हॉस्टल का निरीक्षण कर आईटीआई से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे क्या चलता रहेगा भ्रष्टाचार

