छिंदवाड़ा/ 14 मार्च 2024/ कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में बाल संरक्षण और किशोर न्याय (बालकों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2015 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रावधानों से जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस इकाई और पैरालीगल वालंटियर की क्षमता निर्माण व संवेदीकरण पर एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला जिला पंचायत छिंदवाड़ा के सभागृह में संपन्न हुई। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री विनोद शुक्ला, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री विजय खोब्रागड़े, मनोचिकित्सक डॉ.पूनम ठाकुर, मीडिया विशेषज्ञ श्री आशीष मिश्रा, बाल संरक्षण अधिकारी श्री चंद्रशेखर नागेश, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्री अतिशय जैन व बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री अंजना पवार के साथ ही प्रतिभागियों के रूप में जिले में सभी थानों में कार्यरत बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई, पैरालीगल वॉलिंटियर व प्रशासक वन स्टॉप सेंटर सुश्री भावना कुमरे शामिल थीं।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री खोब्रागड़े द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से प्रदाय की जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुये पीड़ित प्रतिकर योजना और बच्चों के लिए प्राइमाफेसी स्थिति में कार्य व्यवहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मनोचिकित्सक डॉ.ठाकुर द्वारा बच्चों के मनोविज्ञान और पुलिस द्वारा बच्चों से कम्यूनिकेशन के विभिन्न बाल मित्रवत विधियों के विषय में जानकारी प्रदान की गई। मीडिया विशेषज्ञ श्री मिश्रा द्वारा बच्चों के संदर्भ में मीडिया और पुलिस विभाग द्वारा की जाने वाली प्रक्रियाओं और बच्चों की गोपनीयता को ध्यान में रखने वाली बातों पर जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी श्री नागेश द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 के साथ ही किशोर न्याय अधिनियम 2015 से जोड़ते हुए वर्णित विभिन्न प्रावधानों और पुलिस के साथ बाल कल्याण समिति की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी के साथ बच्चों के प्रति संवेदीकरण प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्री जैन द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत किशोर न्याय बोर्ड और पुलिस की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उनकी कार्य प्रणाली, देख-रेख व संरक्षण की जरूरतमंद बालक एवं विधि का उल्लंघन करने वाले बालको के संबंध में प्रक्रियाओं और विभिन्न प्रारूपों के उपयोग की जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में स्व-मूल्यांकन सत्र के माध्यम से उपस्थित प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी गई। बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री पवार द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 में दत्तक ग्रहण की प्रक्रियाओं और जिले में संचालित बालगृह एवं शिशुगृह के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। अन्त में बाल संरक्षण अधिकारी श्री नागेश द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही आभार व्यक्त किया गया।

