छिन्दवाड़ा/ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एन.के.शास्त्री ने बताया कि डेंगू की रोकथाम व नियंत्रण के लिये शहरी छिंदवाड़ा के वार्ड नं. 29 मदन मोहन मालवीय वार्ड, वार्ड नं. 42 महावीर वार्ड, वार्ड नं. 43 षष्ठी माता मंदिर, वार्ड नं. 44 पंडित जवाहरलाल नेहरू वार्ड, वार्ड नं. 46 झुलेलाल वार्ड मोहननगर में शहरी आशा, एएनएम, मलेरिया कर्मचारियों के 29 दलों द्वारा 1772 घरों में लार्वा सर्वे किया गया व 284 घरों में पाए गए लार्वा का विनष्टीकरण किया गया।
उन्होंने बताया कि डेंगू रोगी को एडीज मच्छर काटने के बाद संक्रमित हो जाता है और 8 से 10 दिनों बाद संक्रामक हो जाता है, एडीज मच्छर एक बार की फीडिंग के लिए 8 से 9 लोगों को कांटता है व दिन में ही कांटता है। अतः एक ही परिवार के लोग संक्रमित हो सकते है। डेंगू रोगी को मच्छरदानी के अंदर सुलाना चाहिए ताकि उनसे मच्छर व अन्य व्यक्ति संक्रमित न हो, और डेंगू का ट्रांसमिशन रुक सके। "डेंगू से बचाव व रोकथाम का मात्र उपाय अपने घरों व आसपास एडीज मच्छर के पनपने से रोकना।" उन्होंने जनसमुदाय से अपील की है कि अपने घर के सभी पानी के कंटेनर को प्रति सप्ताह जांच ले की एडीज मच्छर के लार्वा तो नहीं पनप रहे, व खाली कर सफाई कर दे। इस प्रकार जिले में डेंगू के संचरण को समाप्त/कम करने में सहयोग प्रदान करें।
जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा आज गर्ल्स कॉलेज के छात्राओं को डेंगू से बचाव व रोकथाम के बारे विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें एडीज लार्वा के प्रजनन स्थल जैसे सीमेंट टांके, कुलर, फ्रिज के नीचे ट्रे, ड्रम, गमले, सिंटेक्स टैंक, मनी प्लांट आदि में एडीज मच्छर के लार्वा के बारेमें जानकारी दी तथा उन्हें प्रति सप्ताह खाली करने की समझाइश दी गई। मच्छर के काटने से बचाव के लिए पूरे बाह के कपड़े पहनने, मच्छरदानी के अंदर सोने की सलाह दी गई।

