भारी वर्षा में भी महामहिम राज्यपाल के नाम सौंपाज्ञापन
छिंदवाड़ा - जय भीम सेना सामाजिक संगठन के संयुक्त तत्वाधान में दबंगों के खिलाफ कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल के नाम भारी वर्षा में भी सैंकड़ों लोग भीगते हुये जिला कलेक्टर कार्यालय में खड़े रहे परंतु किसी ने सुध नहीं ली, और 2 घंटे बाद ज्ञापन लेने आये अनुविभागीय अधिकारी को जानकारी दी कि नगर परिषद बिछुआ जिला छिंदवाड़ा 25-30 परिवार के लोगों का आरोप है कि वार्ड नंबर 11 की आबादी की भूमि जिसका खसरा नंबर 496/2 में से उन्हे वर्ष 1989 में आवासीय पट्टों का वितरण किया गया था जिसके उत्तर में बिछुआ पावर हाउस रोड है, उक्त रोड से लगी भूमि को लेकर विगत् दिनों पूर्व 27.08.24 को वहॉ के दबंगों ने शासन प्रशासन से सांठ-गांठ करके जे.सी.बी. लाकर उन परिवारों में से कुछ के मकान सामने से तोड़े गये एवं 15 फिट गहरी खाई जैसा गड्डा घरों के सामने खोद दिया और आमजनों को डरा धमकाकर रास्ता बंद कर दिया गया है, इन लोगों के अभी वर्तमान में आने-जाने का कोई भी वैकल्पिक रास्ता नहीं है, जिसको लेकर क्षेत्रवासियों के लिये विषम समस्या बन चुकी है, और क्षेत्र के लोग इन दबंगो की दबंगाई भयभीत है । ऐसी एक घटना चॉद क्षेत्र के ग्राम सिंगोड़ी टोला पचगांव के पास महावीर मोहल्ला से मोक्षधाम जाने का जो सार्वजनिक मार्ग है, उस पर भी कुछ स्थानीय दबंगो द्वारा शासकीय भूमि पर अपना अवैध कब्जा कर मोक्षधाम जाने का रास्ता पूर्णतः बंद कर दिया गया है, जिससे कि क्षेत्रवासियों को मृत शरीर को मोक्षधाम में अंतिम संस्कार करने हेतु अनेकों प्रकार की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उक्त समस्या को लेकर ग्रामीण क्षेत्रवासियों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को पूर्व में आवेदन के माध्यम से अवगत कराया गया किन्तु प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं किया गया । संपूर्ण जिले में राजस्व अमले द्वारा इसी तरह की द्वेषपूर्ण कार्यवाही की घटनायें सामने आ रही है और राजस्व अधिकारी दबंगो से सांठ-गांठ कर गरीब, मजदूरों असहाय को अनावयक ही परेशान कर रहे हैं । अतः पीड़ित परिवारों को साथ लेकर जय भीम समाजिक संगठन ने राज्यपाल महोदय से मांग की है उच्च मामले की उच्च स्तरीय जांच कर आम रास्ते को खुलवाकर निष्पक्ष न्याय दिलाया जावे । इस अवसर पर शिवम पहाड़े, विपिन वर्मा, राजकुमार खड़से, मदन बरखाने, पप्पू मण्डराह, सुनीता सोमकुंवर, सोनू मण्डराह, सबर अली, शेख जी मंसूरी, रायसिंग सिरसाम, ओमप्रकाश उइके, गोविन्द मर्सकोले, प्रेमबती, सरला, मानता, कनिज बेगम, राजू कंकोड़िया, जमील, याकूब अली, शमीम खान, ब्रजसिंह निर्मलकर, अल्फाज, कन्हैया संदराम, जगदीश उइके, प्रताप मसराम, नूरलाल धुर्वे, ढिमरू परते, अतरलाल नवरेती आदि क्षेत्रवासी एवं सामाजिकगण उपस्थित रहे ।

