पटवारी ने झूठे प्रमाण पत्र से शासन को किया गुमराह
छिंदवाड़ा: जिले की जनपद पंचायत मोहखेड़ की ग्राम पंचायत मोहखेड़ इन दिनों विवादों के केंद्र में है। हाल ही में एक जांच टीम द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, लेकिन शिकायतकर्ता इस जांच से असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने इस मामले की जिलास्तरीय टीम से जांच कराने की मांग की है।
इस बीच, राजस्व मामलों से संबंधित दो जांचों के लिए मोहखेड़ तहसीलदार द्वारा एक राजस्व टीम गठित की गई। इस टीम ने 28 सितंबर 2024 को मोहखेड़ पंचायत द्वारा बन रहे तोरणद्वार स्थल का सीमांकन किया। सीमांकन के दौरान यह पाया गया कि तोरणद्वार मऊ पंचायत की सीमा में बनाया जा रहा है। सीमांकन के वक्त राजस्व निरीक्षक (आरआई), पटवारी, मऊ पंचायत के सरपंचपति सुदामा डोबले, मोहखेड़ पंचायत के पूर्व सरपंच श्यामू साहू, कैलाश पवार, अतिक खान और कोटवार उपस्थित थे।
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मऊ पंचायत की बिना सहमति के हो रहा था निर्माण कार्य
ग्राम पंचायत मऊ के सरपंच और सचिव ने बताया कि मोहखेड़ पंचायत द्वारा मऊ पंचायत की सीमा के अंदर तोरणद्वार का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए मऊ पंचायत से कोई लिखित अनुमति नहीं ली गई थी। कुछ दिन पहले मऊ पंचायत द्वारा मोहखेड़ तहसीलदार को इस अवैध निर्माण के संबंध में आवेदन देकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
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पटवारी का झूठा प्रमाण पत्र आया सामने
मोहखेड़ क्षेत्र में पदस्थ पटवारी दयाराम चौरिया द्वारा एक झूठा प्रमाण पत्र जारी कर शासन-प्रशासन को गुमराह करने की कोशिश की गई। पटवारी ने अपने प्रमाण पत्र में उल्लेख किया कि खसरा नंबर 242 में जनपद सभाकक्ष है, जहां तोरणद्वार बनाया जा रहा है। जबकि सीमांकन के बाद यह स्पष्ट हुआ कि तोरणद्वार मऊ पंचायत की सीमा में बन रहा है। पटवारी ने अपने प्रमाण पत्र में जनपद सभाकक्ष का उल्लेख किया था, जबकि असल में वहां मोहखेड़ हाईस्कूल का भवन है। सीमांकन के बाद यह प्रमाण पत्र पूरी तरह से झूठा साबित हुआ।