
सच की आंखे न्यूज परासिया : मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1994 में पंचायती राज व्यवस्था अधिनियम लागू कर पंचायत को आत्मनिर्भर बनाया था लेकिन इस व्यवस्था में बदलाव लाकर एक बार फिर जन प्रतिनिधियों को पंचायत संचालन और क्रियान्वयन करने में कठपुतली बनाया जा रहा है। प्रदेश, जिला और जनपद स्तर के सरपंच संघ के नेतृत्व में शुक्रवार को प्रदेश भर में सरपंचों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को ज्ञापन सौपा है। इसी कड़ी में जनपद पंचायत परासिया में सरपंच संघ अध्यक्ष विपिन श्रीवास्तव, सचिव मोहन कहार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सरपंचों ने जनपद पंचायत परासिया कार्यालय से रैली निकाल कर एसडीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम पुष्पेंद्र निगम को सौपा और मांगों को शीघ्र निराकरण करने की मांग की है। 13 सूत्रीय मांग पत्र में कहा गया है कि मनरेगा योजना को मूल स्वरूप में शीघ्र लाया जाना चाहिए, मनरेगा से स्वसहायता समूह को जोड़कर हितग्राही मूलक योजनाओ को बढ़ावा दिया जाए। ग्राम पंचायत विकास सरपंच निधि बनाई जाए जिससे प्राकृतिक आपदा एवं अत्यावशक मामलों में तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके ,पेसा एक्ट लागू होने से ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभाओं में टकराव की स्थिति की समीक्षा कर निदान किया जाए ,जैम पोर्टल की कई विसंगतियां है इस पोर्टल को बंद किया जाए, रोजगार सहायक सचिव की सी आर लिखने का अधिकार सरपंच को तथा उनके वेतन और अवकाश का अधिकार पूर्ण रूप से ग्राम पंचायत को दिया जाना चाहिए, वित्त आयोग की राशि टाइट और अनटाइड की व्यवस्था समाप्त की जाए, सरपंचों का मानदेय 15000 रुपये प्रति माह बढ़ाया जाए ,निर्माण कार्यों के लिए डीपीआर बनाकर,उपयंत्री के हस्ताक्षर के बाद उसे ही टीएस माना जाए तथा ग्राम सभा द्वारा सामाजिक मूल्यांकन के प्रावधान को पूर्ववत जैसा किया जाए। मनरेगा से पुलिया तथा खेत तालाब जैसी ग्रामीण आधारभूत संरचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर प्रारंभ किया जाना चाहिए। सरपंच संघ के अध्यक्ष विपिन श्रीवास्तव ने कहा की अगर उक्त मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो आगामी समय प्रदेश और जिला सरपंच संघ के नेतृत्व में सरपंच संघ आगामी समय में आंदोलन कर धरना देंगे। *सरपंच साधना दास ने कहा* कि राज्य सरकार द्वारा पंचायत के अधिनियम में बदलाव किऐ जाने से सरपंचों को निर्माण कार्य में असुविधा हो रही है ,बदले गए अधिनियम में सुधार लाने की जरूरत है। *सरपंच संघ अध्यक्ष सरपंच भमोड़ी विपिन श्रीवास्तव, संघ सचिव सरपंच बरारिया मोहन कहार, साधना दास सरपंच इकलहरा, भारती उइके सरपंच अंबाड़ा, अरुण नावेद रावनवाड़ा, उषा परतेती पगारा ,सीमा भलावी तेंदूखेड़ा, शक्ति भलावी छिंदा, विनीता मरकाम लिखावाड़ी,सुप्रिया पंद्राम खिरसाडोह, प्रकाश नवरेती खमराजेठू , कुशना मस्कोले धमनिया ,रामपाल उइके सेमरताल, अंतर शाह चरई, जयवंती कुमरे भाजीपानी, शीशकुमारी हरनभटा, बालकराम परानी दमुआ, सहपानी सरपंच,ढाला सरपंच संतोष कवरेती, खजरीअन्तु सरपंच नीरज कोलारे* सहित सरपंच गण उपस्थित रहे।।