बालाघाट। अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना बालाघाट जिले में प्रशासनिक उदासीनता के चलते दम तोड़ रही है। जिले में अब तक किसी भी लाभार्थी को प्रोत्साहन राशि प्राप्त नहीं हो पाई है, जिससे इस योजना की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।बालाघाट जिले के किरनापुर के निवासी मंजीत भीमते ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2022 में अंतरजातीय विवाह किया था, लेकिन 18 महीने बीत जाने के बावजूद भी उन्हें योजना के तहत कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई। मंजीत भीमते ने इस संबंध में जनसुनवाई में बालाघाट कलेक्टर मृणाल मीणा से विवाह प्रोत्साहन राशि दिलाने की अपील की है।
स्थिति यह है कि जिले में इस योजना का लाभ लेने वाले कई अन्य लाभार्थियों को भी अब तक किसी प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है, जिससे यह योजना सफेद हाथी साबित होती नजर आ रही है। जिले में प्रशासन की इस उदासीनता के कारण कई लोग इस योजना से निराश हैं और अब सरकार से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का उद्देश्य अस्पृश्यता और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना है, लेकिन प्रशासन की विफलता के कारण यह योजना बालाघाट जिले में असफल होती दिख रही है।