हर्रई (छिंदवाड़ा) – शक्कर परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित बांध निर्माण के विरोध में आज हर्रई तहसील कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में किसानों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। कुकरेपानी, उमरी खुर्द, सियाझिरी सहित लगभग 10 गांवों के सैकड़ों किसानों ने इस प्रदर्शन में भाग लिया। प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि बांध बनने से उनके गांव डूब क्षेत्र में आ जाएंगे, जिससे लगभग 2,000 एकड़ उपजाऊ भूमि प्रभावित होगी।किसानों की प्रमुख मांगें
किसानों ने बांध निर्माण को निरस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि शक्कर परियोजना के कारण उनकी कृषि भूमि और जीविका पर सीधा खतरा मंडरा रहा है। किसानों ने प्रशासन पर यह आरोप भी लगाया कि पैसे एक्ट (भूमि अधिग्रहण कानून) का उचित तरीके से पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास की गारंटी नहीं मिल रही है।
महिलाओं की बड़ी भागीदारी, प्रशासन सतर्क
धरना प्रदर्शन में महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिली, जिन्होंने अपनी आवाज बुलंद करते हुए जमीन और आजीविका की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। पुरुष किसान भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जो अपनी मांगों को लेकर प्रशासन पर दबाव बना रहे थे। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद रही, जो स्थिति को संभालने और किसानों की शिकायतों को सुनने के लिए सतर्क रही।किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।