12 वे वर्ष की यात्रा की सफलता के लिए भगवान भोलेनाथ एवं वीर बजरंगबली का पूजन कर लिया आशीर्वाद
रिष्ठजनों ने तिलक लगाकर आर्शीवाद एवं मंगलकामना के साथ रवाना की चुनरी यात्रा
जुन्नारदेव / तामिया :- विधानसभा जुन्नारदेव की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना के साथ पिछले 11 वर्षों से लगातार चुनरी यात्रा निकाल रहे विधायक सुनील उईके ने अपने साथियों के साथ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार को शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा तिथि को परंपरानुसार जुन्नारदेव विशाला पहली पायरी एवं पदम पठार में विराजे भगवान भोलेनाथ एवं वीर बजरंगबली का पूरे विधि विधान से पूजन कर चुनरी यात्रा की सफलता की कामना के साथ तामिया के तुलतुला पर्वत में विराजी सिंह वाहिनी माँ नैना देवी को पहली चुनरी एवं प्रसाद कर जयघोष के साथ 12 वे वर्ष की चुनरी यात्रा का श्री गणेश किया। इसके पूर्व विधायक श्री उईके के निवास पर परिजनों एवं वरिष्ठजनों ने चुनरी यात्रा में जा रहे विधायक एवं उनके साथियों का तिलक लगाकर एवं माला पहनाकर उन्हें यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेसित करते हुए यात्रा को अपने गंतव्य की ओर रवाना किया।
गौधुली बेला में विधायक श्री उईके अपने साथियों के साथ जुन्नारदेव विशाला एवं पदम पठार होते हुए तामिया के तुलतुला पहाड़ में स्थित माँ नैनादेवी के मंदिर पहुँचे जहाँ पर तामिया के भक्तगणों एवं काँग्रेस नेताओं ने ढोलबाजे एवं आतिशबाजी के साथ यात्रा का स्वागत किया। नैनादेवी के मंदिर में चुनरी अर्पित कर विधायक अपने साथियों के साथ रीछ डोबरा, हरसदिवारी, झौतकला, घटिया, मुंगसिया, भाण्डी, निशान, जामुन डोंगा, बांगई, खैरी, कुर्सी ढाना, कानखेड़ी, उमरडोह एवं रैनीखेड़ा ग्रामों में पहुँचे जहाँ के विभिन्न पंडालों में विराजी आदिशक्ति माँ जगत जननी को चुनरी एवं प्रसाद भेंट कर झिरपा में यात्रा का रात्रि विश्राम हुआ।
4 अक्टूबर शुक्रवार शारदीय नवरात्र की द्वतीय तिथि को प्रातः आदि शक्ति माँ ब्रम्हचारिणी का पूजन कर चुनरी यात्रा झिरपा के समस्त दुर्गा पंडालों में चुनरी प्रसाद अर्पित कर करेर, सावरवानी, तालढाना, पुरतला, माहुलझिर, खारा, कोहपानी, अनहोनी, बंधी, भीमखेड़ी, बंधीढाना, टेकापार, जमुनिया, बम्होरीखुर्द, खैरी, खुनिया, पाठई, चावलपानी, रानीकछार, नजरपुर, केवलारी, देहगांव, खापासानी, मानेगांव, खमंतरा, बालगंज, झामर, बम्हनी, कपूरनाला, सीताडोंगरी, देलाखारी, चटनी, खापा, उमरिया, लुक्काढाना, घटलिंगा, श्रीझौत चंडी माता के दुर्गा पंडालों में चुनरी अर्पित करते हुए यात्रा देर रात तामिया पहुँची वहीं पर रात्रि विश्राम हुआ।

