छिंदवाड़ा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की नगर इकाई छिंदवाड़ा द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में जनजाति गौरव दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, शासकीय पीजी महाविद्यालय छिंदवाड़ा में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम छिंदवाड़ा के महापौर श्री विक्रम अहाके और मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नई दिल्ली के सदस्य श्री प्रकाश भाऊ उइके उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती, स्वामी विवेकानंद और भगवान बिरसा मुंडा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्य अतिथि श्री विक्रम अहाके ने अपने संबोधन में छात्रों को बिरसा मुंडा की जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल जनजाति समाज के ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
मुख्य वक्ता श्री प्रकाश भाऊ उइके ने अपने उद्बोधन में कहा कि "आदिवासी" शब्द देशज नहीं है और यह अंग्रेजों द्वारा थोपा गया है। जनजाति हिन्दू सनातन संस्कृति की जननी अरण्य संस्कृति का हिस्सा है। रामचरित मानस में "जोहार" शब्द का उल्लेख पांच बार आता है, जो जनजाति की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जनजाति वर्ग के लोगों को धर्मांतरण से अपने अस्तित्व को बचाना चाहिए, क्योंकि धर्मांतरण से जनजाति की पहचान समाप्त हो जाती है। इसके अलावा, संविधान में "आदिवासी" शब्द असंवैधानिक है और वन अधिकार अधिनियम 2005 में वन निवासियों को "वनवासी" के रूप में परिभाषित किया गया है।
इस अवसर पर विभाग प्रमुख संदीप जैन, जिला संगठन मंत्री सत्यम मानिकपुरी, जिला संयोजक मोहित डेहरिया, नगर अध्यक्ष आनंद नेमा, नगर मंत्री अनुष्का गुप्ता, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य प्रतिमा डोहले, पीयूष श्रीवास, विनयम उईके, फिरदोष अंजुम, नीतीश जैन, विहान सोनी, सुशील श्रीवास, गौरीशंकर ठाकुर, दीपांशु यादव, आशीष चंद्रवंशी, लक्ष्मी बादशाह और अन्य कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

