तामिया जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत धुसावानी में मनरेगा योजना से खेल मैदान निर्माण को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर मॉडल हाई स्कूल धुसावानी के लिए खेल मैदान बनाने की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन सरपंच और सचिव ने इस योजना को बदलकर खेल मैदान को दूसरे स्कूल में बना दिया, जिससे मॉडल स्कूल के प्राचार्य, शिक्षक और स्टाफ में भारी आक्रोश है।
मॉडल स्कूल प्राचार्य और स्टाफ ने जताई नाराजगी
मॉडल स्कूल की प्राचार्य कल्पना नवरे ने कहा, "मनरेगा योजना से स्वीकृत खेल मैदान मॉडल स्कूल के बच्चों के लिए बनाया जाना था, लेकिन इसे दूसरी जगह बनाकर बच्चों के अधिकारों का हनन किया गया है।" उन्होंने इस कदम को नियमों और बच्चों के हितों के खिलाफ बताया।
शिक्षकों का आक्रोश:
मॉडल स्कूल के शिक्षकों ने भी इस मामले को लेकर नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि खेल मैदान बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक है। "यह केवल खेल का स्थान नहीं, बल्कि बच्चों की प्रतिभा को निखारने का माध्यम है। पंचायत द्वारा इस तरह की गड़बड़ी बच्चों के भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव डालेगी," शिक्षकों ने कहा।
सरपंच पति का पक्ष
इस मामले में सरपंच पति बलदेव धुर्वे ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि खेल मैदान बनाने का निर्णय पंचायत के हित में लिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मॉडल स्कूल की जगह दूसरे स्कूल को प्राथमिकता क्यों दी गई।
फर्जीवाड़े के आरोप
मॉडल स्कूल के प्राचार्य और शिक्षकों ने पंचायत पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि यह फैसला गलत है और इसे जांच के दायरे में लाना चाहिए।
क्षेत्र में विवाद और प्रशासन से न्याय की मांग
इस विवाद ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है। स्थानीय लोग और स्कूल स्टाफ ने जिला प्रशासन से इस मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर यह गड़बड़ी सही साबित होती है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

