जुन्नारदेव विकासखंड के ग्राम कांगला में एच.सी.एल. फाउंडेशन, शासकीय कृषि विभाग और यूटीएमटी सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में जैविक खेती प्रोत्साहन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के मध्यम वर्गीय किसानों को रासायनिक मुक्त जैविक पद्धति से खेती करने हेतु प्रेरित करना है, जिससे कम लागत और न्यूनतम संसाधनों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन किया जा सके।
विशेषज्ञों की उपस्थिति
वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एस.एस. मरकार और आत्मा परियोजना के चूड़ामण सोनारे ने किसानों को न केवल प्रशिक्षण प्रदान किया, बल्कि कृषि आधारित सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने फसलों में कीट प्रकोप से निपटने के जैविक उपायों को भी विस्तार से समझाया।
प्रशिक्षण की संरचना
यह प्रशिक्षण दो भागों में आयोजित किया गया। पहले सत्र में प्रोजेक्टर के माध्यम से ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के जरिये जैविक खेती के फायदे, इसकी विधियां और रासायनिक खेती से इसके अंतर को समझाया गया।
दूसरे सत्र में जीवा अमृत, बीजा अमृत, जैविक चटनी, अमृत जल और गोबर खाद के निर्माण और उपयोग की विस्तृत विधियां बताई गईं।
किसानों की भागीदारी और प्रतिबद्धता
इस प्रशिक्षण में 10 गांवों के 45 किसानों ने भाग लिया। सभी किसानों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई, अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और जैविक खेती अपनाने की प्रतिबद्धता जाहिर की।
प्रशिक्षण संचालन टीम
इस परियोजना का संचालन संस्था की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सूजना कृष्णमूर्ति, प्रोग्राम लीडर धारा पटेल, प्रोग्राम ऑफिसर ओमप्रकाश पाठे, रेशमलाल डहेरिया, संजू यदुवंशी और अनिलाल जी ने किया। साथ ही मास्टर ट्रेनरों और तकनीकी सहयोगियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निष्कर्ष
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों के लिए एक प्रेरणादायक कदम साबित हुआ, जिससे क्षेत्र में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण अनुकूल खेती को बल मिलेगा।

