दक्षिण मुंबई में 19 जनवरी को आयोजित हुई टाटा मुंबई मैराथन 2025 ने अपनी 20वीं वर्षगांठ पर दुनियाभर के धावकों को एक मंच पर लाया। इस वर्ष की मैराथन में इरिट्रिया के बेरहेन टेस्फे ने फुल मैराथन का खिताब अपने नाम किया, जबकि भारतीय धावकों में अनीश थापा ने पहला स्थान प्राप्त किया। भारतीय महिला एलीट वर्ग में इस बार भी निरमाबेन ठाकोर का दबदबा बरकरार रहा।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में छिंदवाड़ा के युवा और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट रूपक मिगलानी ने 42.195 किमी की दूरी पूरी कर अपनी दूसरी अंतरराष्ट्रीय फुल टाटा मुंबई मैराथन में शानदार प्रदर्शन किया। अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रतिबद्धता से मिगलानी ने न केवल छिंदवाड़ा बल्कि पूरे मध्य प्रदेश का नाम रोशन किया।
असम-मेघालय और दिल्ली में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद रूपक ने मुंबई की सड़कों पर अपनी ताकत और लगन का प्रदर्शन किया। उनसे बात करने पर उन्होंने बताया, "दौड़ना मेरे लिए केवल एक खेल नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और स्वस्थ जीवनशैली का प्रतीक है। यह भीतर की यात्रा है, जो हर किसी को जीवन में प्रेरित करती है।"
रूपक मिगलानी को इस बार फिनिशर पदक और प्रेरणादायक धावक पदक दोनों से सम्मानित किया गया। उनका कहना है कि सहनशक्ति और आत्म-अन्वेषण की शक्ति दौड़ के माध्यम से हासिल की जा सकती है।
मुंबई मैराथन 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह सिर्फ एक दौड़ नहीं, बल्कि जुनून, प्रेरणा और मानवीय इच्छाशक्ति का उत्सव है। और इसमें छिंदवाड़ा के इस होनहार युवा ने अपनी चमक बिखेरते हुए सभी को प्रेरित किया।

