जुन्नादेव: आदिवासी समाज द्वारा श्रद्धा और आस्था के साथ महादेव मेले की यात्रा प्रारंभ की गई। यह यात्रा जुन्नादेव से प्रारंभ होकर गोराकघाट, मछिंदरनाथ, नागथाना होते हुए भूराभगत पहुंची, जहां ग्रामवासियों ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद देनवा नदी में स्नान कर श्रद्धालुओं ने चौरागढ़ की ओर प्रस्थान किया।
चौरागढ़ में विधिवत पूजा-अर्चना के पश्चात श्रद्धालु हीवर पचमढ़ी, नंदीगढ़ होते हुए गिरजामाई पहुंचे, जहां पूजा कर सभी भक्तजन अपने घरों की ओर लौटे।
इस यात्रा में आदिवासी समाज के प्रमुख भगत देवीलाल ऊईके (कलमुंदी रेनी धाम के भगत), ग्राम मन्नाखारी के सरपंच सुखदास धुर्वे, ग्राम तांडसी के बिक्कु दसमन कुड़ापे व कमलेश कुड़ापे सहित कई श्रद्धालु, छोटी बहनें और उनके परिवार शामिल हुए। सभी ने बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर ग्रामवासियों की खुशहाली की कामना की।
यात्रा के दौरान पूरे मार्ग में भक्ति और उल्लास का वातावरण देखने को मिला। आदिवासी समाज की यह परंपरागत यात्रा हर वर्ष श्रद्धालुओं के बीच उत्साह और आस्था का प्रतीक बनी रहती है।

