✍️जुन्नारदेव
अंडर द मैंगो ट्री सोसाइटी x जी आई जेट मध्यम वर्गीय आदिवासी किसानों के माध्यम से स्वदेशी अंडर द मैंगो ट्री (UTMT) सोसायटी और GIZ इंडिया ने 4 मार्च, 2025 को प्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्यम वर्गीय (आदिवासी) किसान समुदाय के माध्यम से “स्थानीय मधुमक्खियों के साथ मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया! जिससे किसानों की आजीविका के साथ साथ जलवायू परिवर्तन को अनुकूल किया जा सकेगा !
बैठक में निम्नलिखित विभागों ने भाग लिया छिंदवाड़ा जिले के मधुमक्खी पालक: संतलाल मलगाम, कपूरी लोबो सरकार प्रभात कुमार (कार्यकारी निदेशक, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड और बागवानी आयुक्त, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार लोकेंद्र ठक्कर (ईपीसीओ) और बी के सोहलिया अध्यक्ष, मेघालय किसान आयोग शिक्षाविद डॉ. सचिन सुरोशे (परियोजना समन्वयक, एआईसीआरपी, आईसीएआर), डॉ. विनीता गौड़ा (आईआईएसईआर, भोपाल)सामाजिक संगठन - रिलायंस फाउंडेशन, नेशनल कोलिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, एफईएस, सृजन, डब्ल्यूआरआई.कृषि बैंक अविनाश सहवालकर (डी .जी.एम) टीएनएयू, सीबीआरटीआई, पुणे और उत्तराखंड के तकनीकी विशेषज्ञ की उपस्थिति रही कार्यशाला मे मध्यम वर्गीय (आदिवासी) किसानों के लिए अनुकूल परिस्थिति बनाने की रणनीति के रूप में स्थानीय मधुमक्खियों के साथ मधुमक्खी पालन को जोड़ने की आवश्यकता पर चर्चा की गई। यह मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक था जहां 75% किसान छोटे किसान हैं। मधुमक्खी पालन से कृषि उपज में सुधार होता है, पूरे गाँव के लिए परागण कवर बढ़ता है, जैव विविधता संरक्षण और आजीविका को बढ़ावा मिलता है बैठक में केंद्र, राज्य और किसान स्तर पर स्थानीय मधुमक्खियों के साथ मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने की रणनीतियों की पहचान की गई। चर्चा में यह भी बताया गया कि वर्तमान शहद मानकों में स्थानीय मधुमक्खियों के शहद के विभिन्न नमी के स्तर और अन्य मापदंडों को ध्यान में नहीं रखा जाता है । इस बात पर सहमति बनी की नीति मे इन खामियों को दूर किया जाना चाहिए!

