छिंदवाड़ा जिले के तेंदूखेड़ा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं सरपंच जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और पंचायत सचिव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव के पति द्वारा पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप किया जा रहा है और सरकारी योजनाओं के लाभ से गांववासियों को वंचित रखा जा रहा है। पंचायत में लाखों रुपये के गबन की आशंका जताई गई है, जिसकी शिकायत कई बार विभागों में की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सचिव पर गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि सचिव अक्सर पंचायत से नदारद रहती हैं और उनके पति पंचायत के कार्यों का संचालन कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों तक नहीं पहुंच रहा है, जिससे गांव में भारी असंतोष है। शिकायतकर्ताओं का यह भी कहना है कि जब वे अपनी समस्याएं लेकर पंचायत कार्यालय जाते हैं, तो सचिव न केवल दुर्व्यवहार करती हैं, बल्कि जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर उन्हें अपमानित भी करती हैं।
पूर्व में भी हो चुकी हैं शिकायतें
इससे पहले भी सचिव नेहा शुक्ला के खिलाफ इसी तरह की शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिसके चलते उन्हें पद से हटाया गया था। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से उन्होंने दोबारा पदभार संभाल लिया और अब वे उन्हीं ग्रामीणों को निशाना बना रही हैं, जिन्होंने पहले उनके खिलाफ आवाज उठाई थी।
पंचायत में भ्रष्टाचार के आरोप
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में महिला दिवस पर एक बड़े आयोजन का कार्यक्रम था, लेकिन सचिव उसमें शामिल नहीं हुईं। इसके अलावा, सचिव महीने में केवल 15 दिन ही पंचायत आती हैं और अधिकतम एक घंटे ही रुकती हैं। कई ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी सचिव का चेहरा नहीं देखा, क्योंकि वह हमेशा स्कार्फ से ढका रहता है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि सचिव को तत्काल पद से हटाया जाए और पंचायत में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

