✍️जुन्नरदेव से मुकेश बरखाने संवाददाता
छिन्दवाड़ा/17 अप्रैल 2025/ आपदा की स्थिति में प्रशासन की तत्परता और समन्वय की क्षमता को परखने के उद्देश्य से छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के 10 जिलों में आज एक महत्वपूर्ण मॉक अभ्यास का आयोजन किया गया। छिंदवाड़ा जिले में रासायनिक औद्योगिक आपदा पर आधारित यह अभ्यास राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के संयुक्त तत्वावधान में प्रातः 9:40 बजे से 11.30 बजे तक जिले के एक बड़े औद्योगिक परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान इंसीडेंट कमांडर एडीएम के.सी. बोपचे, पुलिस से ऑपरेशन सेक्शन चीफ, संयुक्त कलेक्टर ज्योति ठाकुर, मॉक एक्सरसाइज के नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर राहुल कुमार पटेल, डिप्टी इंसीडेंट कमांडर जिला होमगार्ड्स कमांडेंट एस.आर.आज़मी सहित अन्य प्रशासनिक एवं विभिन्न विभागों में अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
औद्योगिक परिसर में निर्धारित फायर एण्ड एक्सप्लोजन मॉकड्रिल एक्सरसाईज का कथानक - जिला छिन्दवाड़ा के एक बड़े औद्योगिक परिसर में 7000 हजार लीटर क्षमता वाले विशाल डीजल टैंक की पाइप लाईन में लीकेज हुआ। फैक्ट्री में टैंक के पास वेल्डिंग का कार्य चल रहा था, वेल्डिंग की एक स्पार्क, लीकेज डीजल के पास गिर जाने से प्रातः लगभग 9.40 बजे आगजनी का हादसा हो गया। फैक्ट्री के अधिकारी द्वारा प्लांट में कार्यरत् कर्मियों तथा आस-पास के रहवासी क्षेत्रों को आग लगी होने की सूचना देने के लिये सायरन बजाना शुरू किया गया। सायरन की आवाज एवं फैक्ट्री के ऊपर आग की लपटों (काल्पनिक) एवं धुएँ को देखकर चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई और लोग बदहवास से भागने लगे।
आग लगने पर औद्योगिक परिसर की बचाव टीम तत्काल हरकत में आई और सर्वप्रथम फैक्ट्री की इलेक्ट्रिक सप्लाई बंद कर आग बुझाने का काम चालू किया। आग के भयावह व बड़े स्वरूप के होने के कारण फैक्ट्री के अधिकारियों ने यथाशीघ्र जिले के रिस्पांसिबल अधिकारी (जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी) को इस आग की सूचना दी। साथ ही कंट्रोल रूम एवं राज्य आपदा प्रबंधन के टोल फ्री नंबर 1079 पर घटना के बारे में अवगत कराया। स्थानीय अन्य संसाधनों के उपलब्ध होने तक फैक्ट्री का बचाव दल आग बुझाने में जुटा रहा।
सूचना प्राप्त होते ही जिले के रिस्पांसिबल अधिकारी, इंसीडेंट कमाण्डर (अपर कलेक्टर), ऑपरेशन सेक्शन चीफ ( पुलिस हेड), स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम की टीम एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुँच गये। तत्काल घटनास्थल के पास स्टेजिंग एरिया, इंसीडेंट कमाण्ड पोस्ट, इंसीडेंट कैंप, राहत कैंप, मेडिकल पोस्ट आदि तैयार कर स्थापित किया गया। रिस्पॉन्सिबल अधिकारी ने तत्काल एक डिप्टी कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त कर रेस्क्यू कार्य के दौरान समस्त टीमों से उनके कार्यों की जानकारी एवं आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त कर रिस्पॉन्सिबल अधिकारी को प्रदान करने निर्देशित किया।
तत्काल स्थानीय नगर निगम की फायर ब्रिगेड टीम अपने शमन उपकरणों के साथ आग बुझाने के लिये पहुँची और उनके कर्मियों के द्वारा फैक्ट्री के बचाव टीम के साथ आग बुझाने की कार्यवाही में सहयोग देना प्रारंभ कर दिया। मेसर्स-भंसाली इंजीनियरिंग, पॉलीमर्स लिमिटेड, सौंसर (जिला पांढुर्णा) के द्वारा प्रॉक्सिमिटी सूट उपलब्ध कराये गये। जिससे रेस्क्यूअर जलती आग के बीच में अंदर गये और थोड़ी देर बाद बाहर आकर बताया कि अंदर अभी और आग बुझाने की आवश्कता है एवं किसी बंद कमरे में मदद के लिये चिल्लाने की आवाज आ रही थी। प्रयास करने पर भी उस कमरे का दरवाजा नहीं खोला जा सका।
इंसीडेंट कमाण्डर के द्वारा घटनास्थल के निकट सुरक्षित स्थान पर राहत कैप चिन्हित किया गया। उनके निर्देश पर तहसील स्तर के इंसीडेंट कमांडर के द्वारा कोटवारों की मदद से आस-पास की आवासीय बस्ती को खाली कराया गया और चिन्हित राहत कैंप में पहुंचाया गया। लगी हुई आग के अत्यंत पास के निवासरत् वृद्धों, महिलाओं, बच्चों आदि को वाहन के द्वारा चिन्हित राहत कैंप पर पहुँचाने की कार्यवाही भी तहसील स्तर के इंसीडेंट कमाण्डर द्वारा की गई। फुड एण्ड सप्लाई अधिकारी (फुड ऑफीसर) द्वारा राहत एवं सभी प्रशासनिक कैंप में प्रभावित पीड़ितों को भोजन, पानी, बिजली, साफ-सफाई, स्वास्थ्य आदि की व्यवस्था इंसीडेंट कमाण्डर के मार्गदर्शन में की गई।
पुलिस के अधिकारी द्वारा यातायात व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था ड्यूटी के लिए जवानों का डिप्लॉयमेंट कर व्यवस्थायें बनाई गईं। आवश्यकता पड़ने पर घायलों को मेडिकल पोस्ट पहुँचाने तथा आवश्यक उपकरणों के वाहनों को घटनास्थल पर निर्बाध आने-जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया। पुलिसकर्मियों द्वारा भगदड एवं अफवाहों को रोकने के लिये विशेष तैनाती की गई।
बचाव उपकरणों के साथ घटना स्थल पर पहुंची एसडीईआरएफ की टीम द्वारा प्रथमतः जवानों के द्वारा आग बुझाने के लिये फायर टीम का सहयोग किया गया । थोड़ी देर में आग पर काबू पा लेने के उपरांत एसडीईआरएफ जवान बी.ए. सेट पहनकर तैयार हुये। आग पर काबू पाने के उपरांत अंदरूनी भाग में गरम भाप एवं गैस बनी होने के कारण एसडीईआरएफ के जवान बी.ए. सेट पहनकर क्रॉलिंग कर उन कमरों मे गये, जहां से लोगों के चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। वहां से जवानों के द्वारा 04 व्यक्तियों को क्रॉलिंग कर बाहर लाया गया। घायलों को प्रथमोपचार दिया गया और उन्हें लाल, हरी, पीली आदि पट्टी लगाकर स्ट्रेचर से प्रथमोपचार केंद्र पहुँचाया गया।
स्थानीय मेडिकल टीम भी घटना स्थल पर पहुँच चुकी थी। टीम ने साधारण घायल लोगों को प्रथमोपचार केंद्र से फस्ट एड दिया। टीम के कुछ सदस्य राहत कैंप में भी गये, जहाँ आवश्यकतानुसार पुर्नवासित जन को स्वास्थ्य सेवा दी गई। प्रथमोपचार केंद्र से 02 अति घायल व्यक्तियों को एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल पोस्ट (जिला अस्पताल) भिजवाया गया। प्रथमोपचार केंद्र से ही 02 और गंभीर घायल व्यक्तियों को भी एंबुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल भिजवाया गया। प्रातः लगभग 10.18 बजे तक पूरी कैजुअलिटी बाहर निकाल ली गई थीं, जिसके बाद ट्रैफिक को खोल दिया गया। मीडिया अधिकारी द्वारा इंसीडेंट कमाण्डर के निर्देशानुसार प्रेस रिलीज/ प्रेस-क्रांफ्रेंस का आयोजन कराया गया तथा मीडिया में प्रकाशित समाचार से इंसीडेंट कमाण्डर को अवगत कराया गया। आग बुझने के बाद ऑब्जर्वर और इंसीडेंट कमाण्डर की उपस्थिति में डी-ब्रीफिंग हुई, जिसमें सभी के द्वारा किये गये कार्य पर चर्चा की गई।

