“सपनों की लौहदीप्त उड़ान”
सरकारी योजना से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते एक युवा उद्यमी की प्रेरक कहानी
छिन्दवाड़ा/14 जून 2025/ जिले की उमरेठ तहसील के महावीर ढाना का एक युवा अपने आत्मबल और शासन की योजना की मदद से अन्य युवाओं के लिये संघर्ष की मिसाल बन गया है। उसका नाम है अर्पण विश्वकर्मा। केवल 12वीं तक की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले 23 वर्षीय अर्पण आज न केवल आत्मनिर्भर हैं, बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन चुके
हैं।
अर्पण का परिवार वर्षों से सीमित संसाधनों के साथ जीवनयापन करता रहा। उनके पिताजी पहले छोटे स्तर पर वेल्डिंग का कार्य करते थे, जिससे घर की आय बेहद सीमित थी। लेकिन अर्पण के भीतर कुछ बड़ा करने की चाह थी। वे अपने जीवन को बेरोजगारी की बेड़ियों से मुक्त करना चाहते थे। यही संकल्प उन्हें एक नए रास्ते की ओर ले गया।
एक दिन अर्पण ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से संपर्क किया। वहां उन्हें मुख्यमंत्री उद्यम कांति योजना के बारे में जानकारी मिली। योजना के उद्देश्य और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की सोच ने अर्पण को प्रेरित किया। उन्होंने योजना के अंतर्गत आवेदन किया और उनका प्रकरण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, उमरेठ शाखा को भेजा गया।
बैंक ने अर्पण के प्रयासों और योजना की संभावना को देखते हुए ₹3.98 लाख रूपये का ऋण स्वीकृत किया। इस आर्थिक सहायता का सदुपयोग करते हुए अर्पण ने अर्पण स्टील इंडस्ट्रीज महावीर ढाना उमरेठ में बिस्तर पेटी, पलंग पेटी निर्माण की एक नई इकाई स्थापित की । आज अर्पण की मासिक आय ₹30,000 है। उन्होंने अपने सपनों को केवल कल्पना में नहीं रखा, बल्कि उन्हें ठोस रूप देकर जमीन पर उतारा।
अर्पण कहते हैं, “अब मुझे बेरोजगारी का जीवन नहीं जीना पड़ रहा है। मैं अपने व्यवसाय से संतुष्ट हूं और आगे और विस्तार की योजना बना रहा हूं।”
‘अर्पण स्टील इंडस्ट्रीज’ अब सिर्फ एक इकाई नहीं, बल्कि यह इस बात की मिसाल है कि अगर सही मार्गदर्शन और सरकारी योजनाओं का सहयोग मिले, तो युवा अपने जीवन की दिशा और परिवार की आर्थिक, सामाजिक स्थिति भी बदल सकते हैं। अर्पण विश्वकर्मा का यह सफर सिर्फ उनकी सफलता की कहानी नहीं, बल्कि उन हज़ारों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने हुनर से जीवन को नई उड़ान देना चाहते हैं।

