राधाकृष्ण मंदिर को ट्रस्ट में शामिल करने के विरोध में यदुवंशी समाज ने दर्ज की आपत्ति
जुन्नारदेव। पहली पायरी कहलाने वाले जुन्नारदेव विशाला में गठित किए जा रहे ट्रस्ट के खिलाफ यदुवंशी समाज ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। 28 अगस्त को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय द्वारा प्रकाशित आम सूचना में श्री राधाकृष्ण मंदिर को भी ट्रस्ट में शामिल करने का उल्लेख किया गया था। इसके विरोध में श्री राधाकृष्ण मंदिर समिति जुन्नारदेव विशाला, जिला यदुवंशी समाज छिंदवाड़ा सहित समाज के पदाधिकारियों एवं समाजसेवियों ने आपत्ति दर्ज कराई।
समाज के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि राधाकृष्ण मंदिर का निर्माण वर्ष 1990 में छिंदवाड़ा, सिवनी और बैतूल जिले के यदुवंशी समाज के बंधुओं के सहयोग से किया गया था। मंदिर का संचालन व रखरखाव शुरू से ही मंदिर समिति द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में बिना समाज की सहमति के इसे किसी निजी ट्रस्ट में शामिल करना अनुचित और असंवैधानिक है। वर्तमान में मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य भी समाज की देखरेख में जारी है।
यदुवंशी समाज का कहना है कि यह कदम उनकी आस्था और सामूहिक योगदान के खिलाफ है, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।