जुन्नारदेव। शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। शहर से सटे ग्राम पंचायत दातला में निर्माणाधीन निजी स्कूल भवन में बीते कई दिनों से कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। जबकि शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के अनुसार किसी भी अधूरी अथवा निर्माणाधीन बिल्डिंग में शाला संचालन करना पूरी तरह गैरकानूनी है।
दमुआ स्थित साई शारदा शाला प्रबंधन द्वारा दातला में यह स्कूल भवन बनवाया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि प्रथम तल पर कक्षाओं का संचालन जारी है, वहीं द्वितीय तल पर निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। ऐसी स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है और मासूम बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है।
यह भी उल्लेखनीय है कि जिस जगह पर यह भवन तैयार हो रहा है, वहां वर्षों पहले गैस रिसाव की बड़ी घटना में कई बच्चों की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं।
आरटीई अधिनियम का खुला उल्लंघन
आरटीई कानून 2009 के तहत किसी भी विद्यालय के संचालन के लिए सुरक्षित एवं पूर्ण भवन, अलग-अलग शौचालय, पेयजल, खेल मैदान, बाधा मुक्त मार्ग, पुस्तकालय व बाउंड्री वॉल जैसी सुविधाएं अनिवार्य हैं। निर्माणाधीन भवन में कक्षाएं संचालित करना इस कानून का सीधा उल्लंघन है।
जिम्मेदार अधिकारी अनजान
स्थानीय शिक्षा अधिकारी और बीआरसी को इस स्थिति की कोई जानकारी नहीं थी। मामले के उजागर होने के बाद विभाग हरकत में आया।
इनका कहना
“निर्माणाधीन भवन में शाला संचालन की जानकारी मिलने पर जनशिक्षक को भेजा गया था। निरीक्षण में प्रबंधन द्वारा बच्चों की कक्षाएं संचालित करते पाया गया। प्रतिवेदन तैयार कर कार्रवाई की जा रही है। विद्यालय बिना मान्यता के भी संचालित हो रहा है, जिस पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।”
— अरविंद डेहरिया, बीआरसी जुन्नारदेव

