सच की आंखे न्यूज़
बैतूल । प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत जिले के सभी प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में मंगलवार को मातृ स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व आवश्यक जांचें कीं और हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें उचित उपचार एवं परामर्श प्रदान किया।
इस अभियान का उद्देश्य है कि गर्भवती माताओं को समय पर चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके और सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके।
जिला चिकित्सालय बैतूल
जिला चिकित्सालय बैतूल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. समीक्षा बानखेड़े ने कुल 109 गर्भवती महिलाओं की चिकित्सकीय जांच की। इनमें से 36 महिलाएं हाई रिस्क पाई गईं, जिन्हें विशेष निगरानी में रखने की आवश्यकता है। इसके अलावा 86 गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी भी की गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिचोली
यहाँ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ईशा डेनियल द्वारा 65 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें 42 महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में चिन्हित हुईं।
सिविल अस्पताल आमला
सिविल अस्पताल आमला में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मानसी नामदेव ने 78 गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया। इनमें से 58 महिलाएं हाई रिस्क पाई गईं, जो जिले में सबसे अधिक प्रतिशत दर्शाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर
यहाँ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धी अग्रवाल द्वारा 67 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई। इनमें 47 हाई रिस्क महिलाएं पाई गईं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही
भैंसदेही में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. स्वाती बरखड़े ने 74 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से 32 हाई रिस्क महिलाएं चिन्हित हुईं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमपुर
भीमपुर में चिकित्सा अधिकारी डॉ. तरूणा काकोड़िया ने 62 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से 18 महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में पाई गईं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आठनेर
आठनेर में चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्योति इवने ने 106 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से 45 हाई रिस्क महिलाएं सामने आईं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सेहरा
सेहरा में चिकित्सा अधिकारी डॉ. कविता सिमैया एवं डॉ. रत्नेश खाड़े ने संयुक्त रूप से 237 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें 53 महिलाएं हाई रिस्क पाई गईं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभात पट्टन
यहाँ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनाली मरकाम ने 94 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से 30 महिलाएं हाई रिस्क श्रेणी में पाई गईं।
शिविर में की गई जांचें और परामर्श
सभी शिविरों में पहुँची गर्भवती महिलाओं का खून की जाँच, जीडीएम (गर्भावधि डायबिटीज) परीक्षण, सोनोग्राफी आदि की गई। साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिलाओं को प्रसव पूर्व सावधानियों, पोषण, नियमित जांच की आवश्यकता तथा संस्थागत प्रसव के महत्व के बारे में विस्तार से समझाया।
शिविर का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है –
गर्भवती माताओं का प्रसव पूर्व परीक्षण
हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की पहचान और उनका प्रबंधन
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना
महिलाओं को संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव के लिए प्रोत्साहित करना
10 सितंबर को हृदय रोग शिविर
आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत डीईआईसी, जिला चिकित्सालय परिसर बैतूल में 10 सितंबर 2025, प्रातः 10 बजे से हृदय रोग शिविर का आयोजन किया जाएगा।
इस शिविर में जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा।
संभावित हृदय रोग के लक्षण
उम्र के अनुसार वजन का न बढ़ना
होंठ एवं नाखून में नीलापन
खेलते या काम करते समय थकान होना
सीने में दर्द महसूस होना
सांस का तेजी से चलना
इन लक्षणों से ग्रसित बच्चों की समय पर जांच व इलाज जरूरी है। शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सक बच्चों की जांच कर उचित परामर्श देंगे।
शिविर की अधिक जानकारी के लिए आरबीएसके मैनेजर श्री योगेन्द्र कुमार (मो. 9329553382) से संपर्क किया जा सकता है।

