खैरवानी (जुन्नारदेव)।
विकासखंड जुन्नारदेव के अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरवानी स्थित संत सिंगाजी बाबा के दरबार में आज शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर भव्य धार्मिक आयोजन किया जाएगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी परंपरागत ढंग से श्रद्धा और उल्लास के साथ शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा। सुबह से ही दरबार परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। जगह-जगह जय सिंगाजी बाबा के जयकारे गूंज रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सिंगाजी बाबा के दरबार में हर वर्ष दुर्गा विसर्जन के पांच दिन बाद यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दिनभर हवन-पूजन, भजन-कीर्तन और रात्रि में चंद्र दर्शन के साथ विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन रहेगा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। कहा जाता है कि इस रात आकाश से अमृत की वर्षा होती है और मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इसलिए इस तिथि को धनदायक पूर्णिमा भी कहा जाता है।
📿 सिंगाजी बाबा से जुड़ी कथा
कथाओं के अनुसार, श्री संत सिंगाजी महाराज का जन्म लगभग 500 वर्ष पूर्व संवत 1576 में हुआ था। संवत 1616 में उन्होंने जीवित समाधि ली थी। कहा जाता है कि एक बार उनके हाथों से एक गिंडोला की मृत्यु हो गई थी, जिससे वे अत्यंत दुखी हुए और शरद पूर्णिमा के दिन गुरुवार को उपवास कर समाधि में लीन हो गए।
तब भगवान श्री नारायण ने उन्हें चतुर्भुज रूप में दर्शन देकर वरदान दिया कि जब तक सूर्य और चंद्रमा रहेंगे, तब तक मैं तेरस से पूर्णिमा तक तुम्हारे साथ रहूंगा और जो भक्त तुम्हारे दरबार में आएंगे, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। तभी से शरद पूर्णिमा के दिन सिंगाजी बाबा के दरबार में विशेष मेला आयोजित किया जाता है।
🍚 खीर बनाने की परंपरा और वैज्ञानिक कारण
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की चांदनी में खीर रखने की परंपरा है। मान्यता है कि इस रात अमृत बरसता है और चांदनी में रखी खीर में अमृत तत्व समा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह लाभकारी माना गया है, क्योंकि चांदी के बर्तन में रखी खीर में औषधीय गुण बढ़ जाते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
🙏 पूजन विधि
इस दिन पवित्र नदी में स्नान या घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर मां लक्ष्मी की प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित किया जाता है। धूप, दीप, नैवेद्य और सुपारी अर्पित कर लक्ष्मी चालीसा का पाठ किया जाता है। शाम को भगवान विष्णु की पूजा तथा तुलसी पर घी का दीपक जलाने की परंपरा है। अंत में चंद्रमा को अर्घ्य देकर खीर का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया जाता है।
✨ आज खैरवानी में श्रद्धा और भक्ति का संगम
ग्राम पंचायत खैरवानी में सिंगाजी बाबा के दरबार पर आज श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने की संभावना है। क्षेत्रभर से ग्रामीण और भक्तगण पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे। शाम को दरबार परिसर में भजन-कीर्तन, हवन और महाप्रसाद का आयोजन होगा।
मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से सिंगाजी बाबा से मन्नत मांगते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।