छिन्दवाड़ा/10 अक्टूबर 2025/ स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग ने गत दिवस जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बटकाखापा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संयुक्त कार्रवाई की। इस अभियान में नायब तहसीलदार श्री चरणसिंह धुर्वे, बीएमओ श्रीमती रानी वर्मा, टी.आई. श्री अनिल राठौर, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक स्वास्थ्य विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव, ब्लॉक खंड विस्तार प्रशिक्षक श्री नारायण अहके, सेक्टर सुपरवाइजर, ए.एन.एम. आशा, ग्राम कोटवार और पुलिस आरक्षक श्री आशीष सिंह की सक्रिय भागीदारी रही।
कार्रवाई के मुख्य बिंदु -
18 अवैध क्लिनिक सील - बिना लाइसेंस वाले बटकाखापा में 6, चूरी साजवा में 2 और धनोरा में 2, अंडोल में 2, आंचरकुंड में 2, चिलक में 2, मढ़ी में 1 व भुमका में 1 अवैध क्लिनिकों को नायब तहसीलदार और बीएमओ के नेतृत्व में सील किया गया।
30 अवैध मेडिकल संचालकों को नोटिस - विभागीय सर्वे के आधार पर बटकाखापा में 12 और धनोरा में 18 अवैध क्लिनिक संचालकों को नोटिस जारी करने के लिये पंचनामा तैयार किया गया।
दवाइयां जप्त - अवैध क्लिनिकों से दवाइयां जप्त करने का उद्देश्य है कि बिना योग्यता वाले चिकित्सकों पर अंकुश लगाया जा सके, लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों के खतरों के प्रति सचेत किया जा सके, मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा की जा सके एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाया जा सके।
क्यों जरूरी है यह कार्रवाई? - झोलाछाप डॉक्टर बिना उचित योग्यता और लाइसेंस के इलाज करते हैं, जिससे कई बार गंभीर परिणाम होते हैं। हाल ही में परासिया में डॉक्टर प्रवीण सोनी द्वारा बच्चों को जहरीला कफ सिरप देने से 20 बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना को ध्यान में रखते हुए सीएमएचओ के निर्देशानुसार झोलाछाप डॉक्टरों पर यह कार्रवाई की जा रही है।
आगे की रणनीति -
निरंतर निगरानी - अवैध चिकित्सा प्रैक्टिस पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
जागरूकता अभियान - ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जाएगा।
कानूनी कार्रवाई - नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
यह संयुक्त कार्रवाई जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी छिंदवाड़ा के निर्देशानुसार जनहित में की गई है, ताकि लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रभावी नियंत्रण हो सके।