परासिया। परासिया विकासखंड की ग्राम पंचायत बागबर्धिया में 5वें वित्त आयोग अंतर्गत स्वीकृत सीसी रोड निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने बताया कि कागज़ों में सड़क पूरी दिखाकर ₹1.75 लाख का भुगतान कर दिया गया, जबकि कार्य स्थल पर एक मुट्ठी मुरूम तक नहीं डाला गया।
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सड़क बनी सिर्फ फाइलों में, ज़मीन पर नहीं
प्राथमिक विद्यालय से सामुदायिक भवन तक सीसी रोड निर्माण के लिए 27 जनवरी 2025 को ₹2,05,000 की स्वीकृति मिली थी। लेकिन 9 मार्च 2025 को ही कीर्ति कंस्ट्रक्शन को ₹1,75,000 का भुगतान कर दिया गया।
ग्रामीणों ने बताया कि न सीमेंट आया, न रेत, न गिट्टी — मटेरियल का एक ट्रॉली भी नहीं पहुंची, फिर भी भुगतान जारी हो गया।
लोगों ने तंज कसते कहा— “यह पहला ऐसा मामला है जिसमें सड़क ही चोरी हो गई — सिर्फ कागज़ों में बनी, ज़मीन पर नहीं।”
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सचिव पर पुराने आरोप भी, फिर दोहराई गड़बड़ी
पंचायत सचिव कृष्णा नागवंशी पर पहले भी फर्जी हस्ताक्षर कर राशि निकालने का मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उन्हें जेल जाना पड़ा था। ग्रामीणों का आरोप है कि इस बार भी सचिव और सरपंच ने मिलकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया।
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ग्रामीणों ने 181 सहित कई मंचों पर की शिकायत
ग्रामीणों ने बताया कि 181 सहित अन्य शिकायत पोर्टल पर कई बार शिकायतें की गईं, जिसके बाद अब आनन-फानन में विभागीय दबाव से चोरी से कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
लोग पूछ रहे हैं कि कई महीनों तक निकाली गई राशि का उपयोग कहां हुआ? क्या विभागीय अधिकारी इस पर कार्रवाई नहीं करेंगे?
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धारा 40 और 92 में कार्रवाई संभव
जानकारों के अनुसार, यह प्रकरण मप्र पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 और 92 के दायरे में आता है। दोष सिद्ध होने पर सरपंच व सचिव पर पद से हटाने और वसूली तक की कार्रवाई हो सकती है।
जिला प्रशासन जल्द जांच शुरू कर सकता है।
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क्षेत्र में बढ़ा आक्रोश, जिला मुख्यालय घेरने की चेतावनी
घोटाले की चर्चा पूरे क्षेत्र में फैल चुकी है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जिला प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की तो वे जिला मुख्यालय पर धरना देने जाएंगे।
सोशल मीडिया पर भी पंचायत के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि सरकारी योजनाओं की राशि विकास के बजाय भ्रष्टाचार में झोंकी जा रही है।

