लापरवाही के आरोप परिवहन ठेकेदारों और संबंधित विभाग पर
परासिया। विजय साईडिंग क्षेत्र में कोयले की धूल ने नागरिकों का जीना मुहाल कर दिया है। सड़क पर उड़ रही काली धूल से जहां राहगीरों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, वहीं लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इस स्थिति के लिए कोयला परिवहन करने वाले ठेकेदारों और संबंधित विभाग की लापरवाही जिम्मेदार है।
स्थानीय निवासियों के मुताबिक कोयला ढुलाई के दौरान पानी का नियमित छिड़काव नहीं किया जाता, जिसके चलते धूल वातावरण में फैलकर घरों, दुकानों और लोगों की सांसों तक पहुँच रही है। इसका सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और दमा के मरीजों पर देखा जा रहा है।
नागरिक बताते हैं कि सुबह–शाम सड़क पर धूल की मोटी परतें और काला धुआं साफ दिखाई देता है, जिससे दृश्यता कम होने पर दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाती है। लोगों का कहना है कि कोयला वाहनों की गति और लोडिंग पर भी किसी तरह की निगरानी नहीं की जा रही।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि—
कोयला परिवहन करने वाले ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाए,
परिवहन के दौरान अनिवार्य रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए,
संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए धूल नियंत्रण के प्रभावी उपाय तुरंत लागू करे।
क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो गंभीर श्वसन रोगों का खतरा बढ़ सकता है और लोगों की दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो सकती है।

