*राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद ने विश्व मानवाधिकार दिवस पर लिया संकल्प, अब हर घर तक पहुंचेगी अधिकारों की बात*
छिंदवाड़ा: सिर्फ तारीखें बदलने से समाज नहीं बदलता, समाज बदलता है मजबूत इरादों और जमीनी संघर्ष से। इसी उद्देश्य को लेकर विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर छिंदवाड़ा में राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद ने महज औपचारिकता निभाने के बजाय बदलाव का बिगुल फूंक दिया है। संगठन ने "संवाद" कार्यक्रम के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि अधिकारों के हनन पर अब चुप्पी नहीं साधी जाएगी। बुधवार को आयोजित इस विशेष बैठक में संगठन के जिला अध्यक्ष संजय विश्वकर्मा और युवा नेतृत्व कमलेश टेकाम ने कड़े शब्दों में कहा कि मानवाधिकार सिर्फ किताबों के पन्ने नहीं, बल्कि आम आदमी की ढाल हैं। बैठक में तय किया गया कि अब संगठन ड्राइंग रूम की चर्चाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि "जन जागरण अभियान" के जरिए समाज के अंतिम व्यक्ति तक अपनी पहुंच बनाएगा। सकारात्मक दिशा में बढ़ाए कड़े कदम जिलाध्यक्ष संजय विश्वकर्मा और सलाहकार सदस्य कमलेश टेकाम के नेतृत्व में हुई इस रणनीतिक चर्चा में स्पष्ट किया गया कि जिले में सामाजिक गतिविधियों को अब नई धार दी जाएगी। "संवाद" कार्यक्रम का मूल उद्देश्य ही यही था कि एक दूसरे की पीठ थपथपाने के बजाय उन कमियों पर प्रहार किया जाए जो समाज को कमजोर कर रही हैं। बैठक पूरी तरह से सकारात्मक और ऊर्जा से लबरेज रही, जिसमें सभी सदस्यों ने एक स्वर में संकल्प लिया कि आने वाले दिनों में जिले के भीतर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह बैठक महज एक आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य की बड़ी रणनीति का शंखनाद साबित हुई। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों से पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित हुए।जिसमें अशोक आरसे, नितेश यादव,एड.मनीष राऊत, मो. उस्मान कादरी, राजा मालवी, अंतराम परतेती, योगेश जगदेव, विनोद पवार, एड.अंकिता शर्मा, शामिल थे।

